शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा में खुला भ्रष्टाचार, शहाबगंज ब्लॉक के बीडीओ को हुआ अखमुदवा रोग, मनरेगा में ब्लॉक प्रमुख निधि से हो रहे कामों में बंद कर लिया आंख हो रहा लाखों का लूट - Media Times

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Tuesday, December 9, 2025

शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा में खुला भ्रष्टाचार, शहाबगंज ब्लॉक के बीडीओ को हुआ अखमुदवा रोग, मनरेगा में ब्लॉक प्रमुख निधि से हो रहे कामों में बंद कर लिया आंख हो रहा लाखों का लूट

 शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा में खुला भ्रष्टाचार, शहाबगंज ब्लॉक के बीडीओ को हुआ अखमुदवा रोग, मनरेगा में ब्लॉक प्रमुख निधि से हो रहे कामों में बंद कर लिया आंख हो रहा लाखों का लूट





मुबारकपुर से लेकर इलिया बॉर्डर पूरे ब्लॉक में मनरेगा में लुट



शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा भ्रष्टाचार का खुला खेल, जिम्मेदार आंख बंद किए, मजदूरों के हक पर डाका




मुबारकपुर,चंदौली। शहाबगंज ब्लॉक में मनरेगा योजना अब गरीबों की रोज़ी-रोटी की गारंटी कम और भ्रष्टाचारियों की कमाई का खुला मंच बनती जा रही है। ब्लॉक प्रमुख निधि से कराए जा रहे मनरेगा कार्यों में सरकारी धन की खुलेआम लूट का आरोप ग्रामीणों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने लगाया है। हालात यह हैं कि कागज़ों पर सैकड़ों मजदूर काम करते दिखाए जाते हैं, लेकिन धरातल पर अधिकांश जगह मजदूर नदारद रहते हैं।







ग्रामीणों का कहना है कि एक ही मजदूर की फोटो बार-बार अपलोड कर हाजिरी पूरी दिखाई जा रही है, कभी पुरानी तस्वीरें लगाई जाती हैं तो कहीं बिना किसी मौके की उपस्थिति के फर्जी मास्टर रोल भर दिया जाता है। कई स्थानों पर कार्य अधूरा या शुरू ही नहीं हुआ, लेकिन दस्तावेजों में कार्य पूर्ण दर्शाकर पूरा भुगतान निकाल लिया गया।






पूरे ब्लॉक में शिकायतों की भरमार


मुबारकपुर से लेकर इलिया बॉर्डर तक, शहाबगंज ब्लॉक के अरारी, बनभीखमपुर, बरौरा, बेलावार, भुरकुरा, भूषिकृतपुरवा, बयारपुर, घोरासारी, हरौरा, हठ, जेगुरी, कलानी, कवलपुरवा माफी, केरायगांव, खखड़ा, खिलची रजडीहा, किड़िहिरा, लटाव, मगरौर, मल्हर, मूसाखांड, पालपुर, पररिया, राममाड़ो, रसिया, रोहाखी, शहाबगंज, शाहपुर, सिहर, सुल्तानपुर, ठेकहा, तियरा, तियरी और विशुनपुरवा समेत दर्जनों गांवों से एक जैसी शिकायतें सामने आ रही हैं।



ग्रामीणों के अनुसार इन इलाकों में मनरेगा सिर्फ कागज़ों में चल रही है, ज़मीनी हकीकत में मेहनत करने वाले मजदूरों को न काम मिल रहा है, न ही उनका पूरा भुगतान।




सबूत होने के बाद भी कार्रवाई शून्य

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का दावा है कि फोटो-वीडियो के ठोस सबूत प्रशासन को भेजे जा चुके हैं, फिर भी न कोई बड़ी जांच हुई और न ही अब तक किसी पर सख्त कार्रवाई दिखाई दी। इससे लोगों में यह चर्चा तेज हो गई है कि प्रशासनिक तंत्र की मौन स्वीकृति से ही यह खेल फल-फूल रहा है।



ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शहाबगंज ब्लॉक के बीडीओ आंख मूंद कर बैठे हैं, शिकायतों के बावजूद ज़मीनी निरीक्षण नहीं कराया जा रहा। लोगों का यहां तक कहना है कि “मनरेगा में अब ‘अखमुदवा रोग’ लग गया है – अधिकारी न देख रहे, न सुन रहे।”




मजदूरों पर सीधा हमला


मनरेगा जैसी योजना, जो गांव के गरीब मजदूरों को रोजगार देने की सबसे बड़ी ढाल कही जाती है, वही अब उनके हक पर डाका डालने का माध्यम बन चुकी है। जिन मजदूरों के नाम से भुगतान निकाला जा रहा है, वे कई जगह काम पर दिखते ही नहीं। इससे न सिर्फ सरकारी धन की हानि हो रही है बल्कि वास्तविक मजदूरों को काम और मजदूरी दोनों से वंचित किया जा रहा है।


ग्रामीणों की चेतावनी

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि—

पूरे शहाबगंज ब्लॉक की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए,

सभी फर्जी मास्टर रोल निरस्त किए जाएं,

दोषी बीडीओ, एपीओ और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो,

तथा वास्तविक मजदूरों को उनका पूरा हक और बकाया भुगतान तत्काल दिलाया जाए।



ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र सख्त कदम नहीं उठाए, तो वे ब्लॉक मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।


शहाबगंज में चल रहा यह मनरेगा घोटाला न केवल भ्रष्ट तंत्र की कहानी बयान कर रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि किस तरह गरीबों की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस लूट पर लगाम लगाता है या फिर फाइलों में ही “जांच जारी” लिखकर मामले को रफादफा कर दिया जाएगा।

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