इलिया–मालदह बॉर्डर बना अवैध ओवरलोड वाहनों का सुरक्षित कॉरिडोर, पुलिस बूथ के सामने से गुजर रहीं सैकड़ों गाड़ियाँ, CCTV कैमरों के होते हुए भी कार्रवाई शून्य
इलिया (चंदौली)। बिहार–उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित इलिया–मालदह बॉर्डर इन दिनों अवैध ओवरलोड वाहनों के खुला मार्ग बन चुका है। हर रोज दर्जनों नहीं, बल्कि सैकड़ों भारी वाहन प्रतिबंधित सड़कों से होकर बेधड़क यूपी में प्रवेश कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा खेल पुलिस बूथ के ठीक सामने और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हो रहा है, फिर भी संबंधित विभागों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गैरकानूनी संचालन इलिया–मालदह मार्ग जैसी प्रतिबंधित सड़कों से होते हुए प्रतिदिन जारी है, जिससे सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और आम नागरिकों की जान पर बनी रहती है।
“नौबतपुर चेक पोस्ट से STP के बिना नहीं हो सकता प्रवेश”
एक व्यक्ति ने, जिसने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी, बताया कि –
> “बिहार से आने वाले हर बड़े वाहन को यूपी में प्रवेश करने से पहले नौबतपुर चेक पोस्ट से STP लेना अनिवार्य है। बिना STP कोई भी ओवरलोड वाहन वैध रूप से राज्य सीमा में प्रवेश ही नहीं कर सकता। लेकिन पुलिस, खनन विभाग और परिवहन विभाग (ARTO) की मिलीभगत के चलते सैकड़ों वाहन सीधे इलिया–मालदह बॉर्डर से प्रवेश पा रहे हैं।”
सूत्रों के अनुसार, सीमा पर तैनात कुछ अधिकारियों के “कारखास तंत्र” द्वारा वाहनों से कथित तौर पर रोजाना वसूली की जाती है, जिसके बाद बिना कागजी कार्यवाही पूरे काफिले को यूपी में प्रवेश दे दिया जाता है।
CCTV के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?
इलिया–मालदह बॉर्डर पर पुलिस बूथ में लगे CCTV कैमरे लगातार हर ओवरलोड वाहन की आवाजाही को रिकॉर्ड कर रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि –
जब हर गतिविधि कैमरों में कैद हो रही है,
और पुलिस चौकी खुद सीमा पर मौजूद है,
तो कार्यवाही क्यों नहीं होती?
क्या अधिकारियों ने कैमरों को केवल सजावट बना कर छोड़ दिया है?
बढ़ रही दुर्घटनाएँ, जनता की जान पर खेल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ओवरलोड वाहनों की तेज रफ्तार एवं ओवरशूट वजन के कारण लगातार सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं,
दर्जनों लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं, और कई मामलों में मौत तक हो चुकी है।
इसके बावजूद मौके पर न तो नियमित चेकिंग होती है और न ही वाहनों का चालान। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन केवल किसी “बड़े हादसे” का इंतजार कर रहा है, उसके बाद तात्कालिक दिखावटी कार्रवाई होगी, फिर सब कुछ पहले जैसा चलने लगेगा।
सिस्टम के गठजोड़ पर सवाल
स्थानीय निवासियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा –
> “अगर पुलिस, खनन विभाग और परिवहन विभाग ईमानदारी से काम करते, तो एक भी ओवरलोड गाड़ी सीमा पार नहीं कर सकती थी। स्पष्ट है कि यहां पूरा सिस्टम आपस में जुड़ा हुआ है।
जनता की मांग
कमलेश सिंह, ब्रिजेन्द्र सिंह, महेश कुमार ग्रामीणों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वाहन दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों ने जिलाधिकारी चंदौली एवं पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि –
✅ इलिया–मालदह बॉर्डर पर स्थायी चेक पोस्ट बनाकर 24 घंटे निगरानी की जाए।
✅ CCTV फुटेज की स्वतंत्र जांच कर दोषी अधिकारियों पर विभागीय व आपराधिक कार्रवाई हो।
✅ बिना STP प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को सीज कर जुर्माना वसूला जाए।
✅ खनन माफिया व उनसे जुड़े दलालों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाए।
बड़ा सवाल अब भी कायम
क्या प्रशासन वाकई इस अवैध खेल को रोक पाएगा?
या फिर इलिया–मालदह बॉर्डर ऐसे ही ओवरलोड मौतों का रास्ता बना रहेगा, और सिस्टम की मिलीभगत आम लोगों की जान को यूं ही खतरे में डालती रहेगी?
















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