चंदौली ( मीडिया टाइम्स )। केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
चकिया ब्लॉक के बबुरी थाना क्षेत्र के ददरा गांव में नाला खुदाई कार्य में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार सामने आया है। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
ग्रामीणों का आरोप: “असली मजदूरों का हक खा रहे फर्जी लोग”
ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा की साइट पर जिन मजदूरों के नाम दर्ज हैं, वे जमीन पर दिखाई ही नहीं देते। उल्टा, गाँव के ही कुछ चहेते लोग कागजों में मजदूर बनकर भुगतान उठा रहे हैं।
ग्रामीणों के सीधे बयान
रामकुमार (ग्रामीण): “सूची में 70–75 मजदूर दिखाए गए हैं, लेकिन काम पर 10–15 लोग ही आते हैं। बाकी सब कागजों में चल रहे हैं।”
अखिलेश प्रजापति (स्थानीय): “बार-बार वही पुराने फोटो लगाकर काम पूरा दिखा दिया जाता है। असल में आधा भी काम नहीं हुआ।”
75 मजदूर दर्ज, पर मौके पर गायब…
मनरेगा मस्टर रोल में 75 मजदूर दर्ज
मौके पर कम संख्या में या एक भी मजदूर दिखाई नहीं देता
एक ही मजदूरों की पुरानी तस्वीरें बार-बार लगाकर फर्जी प्रगति
ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा की इस परियोजना में कागज़ों पर पूर्ण कार्य, लेकिन धरातल पर आधा-अधूरा या न के बराबर काम दिख रहा है।
मनरेगा कार्यों में अनियमितताओं की लंबी लिस्ट
सूत्रों के अनुसार—
बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ
कई कार्य सिर्फ कागज़ों तक सीमित
मस्टर रोल में हेराफेरी
एक ही फोटो कई बार लगाकर पूरा दिखाया गया काम
मजदूरी भुगतान के बाद बिचौलियों द्वारा वसूली
अंतिम वर्ष में जिला पंचायत के कार्यों में तेज़ी से बढ़ रहा भ्रष्टाचार
शिकायतों पर भी अधिकारी मौन
ग्रामीणों के अनुसार, कई बार शिकायत देने के बाद भी
न कोई निरीक्षण
न कोई कार्रवाई
अधिकारी मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी और बढ़ गई है।
मनरेगा का हाल: धरातल पर दम तोड़ रही योजना
गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली इस योजना का लाभ अब
बिचौलियों,
फर्जी मजदूरों,
और स्थानीय नेटवर्क
तक सीमित होता जा रहा है।
जिला पंचायत अधिकारी का बयान
इस मामले पर जब मनरेगा के जूनियर इंजीनियर रणविजय से बात की गई तो उन्होंने कहा—
“हम मामले की जांच कराएंगे। जहां भी गड़बड़ी पाई जाएगी, कार्रवाई होगी।”
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ आश्वासन तक न रह जाए।




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