बाल दिवस पर ए.एम.पी.एस. स्कूल में भव्य बाल मेले का आयोजन, बच्चों ने दिखाई रचनात्मकता और आत्मविश्वास
चकिया/मंगरौर। देशभर में बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में ए.एम.पी.एस. स्कूल, मंगरौर परिसर में बुधवार 14 नवंबर को भव्य बाल मेले का आयोजन किया गया। बच्चों द्वारा सजाए गए रंग-बिरंगे स्टॉल, आकर्षक गतिविधियाँ और उत्साहपूर्ण माहौल ने पूरे कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
उद्घाटन समारोह हुआ विशेष
मेले का उद्घाटन स्कूल के प्रबंधक श्री औरंगजेब खान तथा प्रधानाचार्य श्री संजय जायसवाल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। उद्घाटन के बाद प्रबंधक और प्रिंसिपल ने स्वयं खरीदारी करके बच्चों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने बाल मेले जैसे आयोजनों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
सामाजिक कौशल और आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर फोकस
विद्यालय प्रशासन के अनुसार, इस बाल मेले का उद्देश्य छात्रों में
सामाजिक व्यवहार,
व्यापारिक समझ,
आत्मनिर्भरता
और
टीमवर्क
जैसी क्षमताओं का विकास करना था।
बच्चों ने लगाए आकर्षक स्टॉल
मेले में बच्चों ने बड़ी उत्साह के साथ विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए। विशेष रूप से खाद्य पदार्थों वाले स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। इनमें—
गोलगप्पे/फुल्की
पॉपकॉर्न
चाट, टिक्की
झालमुरी
मैकरोनी, पास्ता
वेज रोल, स्प्रिंग रोल
चाउमीन
मोमोज
टॉफी, बिस्किट, चॉकलेट
आदि शामिल थे।
इन सबको बच्चों ने स्वयं तैयार और संचालित किया, जिससे उनकी रचनात्मकता और जिम्मेदारी स्पष्ट नजर आई।
खेलों ने बढ़ाया कार्यक्रम का रोमांच
खाद्य स्टॉल के साथ-साथ बच्चों के लिए कई खेल प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं, जिनमें—
जलेबी दौड़
खो-खो
कबड्डी
चेयर रेस
बैडमिंटन
वालीबाल
विशेष रूप से लोकप्रिय रहे। खेलों में छात्रों ने शानदार प्रतिभा और ऊर्जा का प्रदर्शन किया।
प्रबंधक और शिक्षकों ने की सराहना
प्रबंधक, प्रधानाचार्य और सभी अध्यापकों ने बच्चों की मेहनत और रचनात्मकता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल छात्रों में नेतृत्व क्षमता का विकास करते हैं, बल्कि आत्मविश्वास और व्यावहारिक ज्ञान को भी बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम में स्टाफ की सक्रिय उपस्थिति
कार्यक्रम में स्कूल के सभी शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ—
अर्चना रस्तोगी, मोनिका जायसवाल, पूजा, राजनंदिनी, ममता, विंध्याचली, पारुल, अलीशा, शिवम्, शाहिद, कुमारी, रानी सहित सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
उत्साह और उमंग के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन हर्षोल्लास के बीच हुआ, जहां पूरे परिसर में बच्चों की ऊर्जा, प्रतिभा और खुशी झलक रही थी। बाल मेला न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि बच्चों की सीख और विकास का सशक्त मंच साबित हुआ।






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