चकिया ब्लॉक के पचफेरिया में नाबदान का गंदा पानी सड़कों पर बहा, सफाई व्यवस्था ध्वस्त; ग्रामीणों में भारी आक्रोश
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान सिर्फ नाम के विकास कार्य दिखाता है
चकिया (चंदौली)। ब्लॉक क्षेत्र के पचफेरिया गांव में नाबदान का पानी लगातार मुख्य सड़कों पर बह रहा है, जिससे आसपास बदबू और गंदगी का अंबार जमा हो गया है। सबसे गंभीर स्थिति प्राथमिक विद्यालय पचफेरिया के बगल में बनी है, जहां कीचड़ और सड़े पानी के कारण बच्चों व अभिभावकों का विद्यालय आना-जाना दूभर हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान राजकुमार की उदासीनता और सफाई कर्मियों की लगातार गैरहाजिरी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
ग्रामीण नंदू ने बताया, “हम लोग कई बार प्रधान से कह चुके हैं कि नाबदान की सफाई कराएं, लेकिन वह हर बार टाल देते हैं। बदबू से घरों में रहना मुश्किल हो गया है।”
राजाराम ने कहा, “बच्चे रोज इस गंदे पानी से गुजरकर स्कूल जाते हैं। कई बार बच्चे फिसलकर गिर भी चुके हैं। अगर कोई बीमारी फैल गई तो जिम्मेदार कौन होगा?”
ग्रामीण रामलखन ने आरोप लगाया कि प्रधान सिर्फ नाम के विकास कार्य दिखाता है, जबकि वास्तविक समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। उन्होंने कहा, “गांव में सफाई कर्मी महीनों से दिखाई नहीं देते। हम लोग खुद फावड़ा लेकर सफाई करें या क्या करें?”
महिलाओं में भी इस समस्या को लेकर गहरा रोष है। हीरावती ने कहा, “हमारे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं, रास्ता पूरा गंदगी से भरा है। बच्चों को बीमारी का खतरा बना हुआ है।”
रीता ने कहा, “प्रधान से कई बार बात हुई मगर कोई सुनवाई नहीं। जब चुनाव आता है तब सब लोग घर-घर आते हैं और बाद में किसी को हमारी तकलीफ़ नहीं दिखती।”
दुर्गावती ने कहा, “गांव में शिकायत करने पर भी कोई अधिकारी देखने नहीं आया। क्या हम लोग इंसान नहीं हैं?”
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नाबदान की सफाई, पानी की निकासी और सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई, तो वे ब्लॉक मुख्यालय पर धरना करने को बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की नाराज़गी यह संकेत देती है कि पंचायती स्तर पर निगरानी व्यवस्था कमजोर है, और यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो बीमारियों का खतरा गंभीर रूप से बढ़ सकता है।







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