तनु विश्वकर्मा बनी एक दिन की प्रधानाध्यापिका, विद्यालय की समस्याओं और उपलब्धियों को रखा सबके सामने,जिम्मेदारी और समझदारी का दिया अद्भुत उदाहरण
चकिया। बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के उद्देश्य से कंपोजिट विद्यालय मुजफ्फरपुर में सोमवार को “एक दिन की प्रधानाध्यापिका” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कक्षा आठ की छात्रा तनु विश्वकर्मा को विद्यालय की प्रधानाध्यापिका की जिम्मेदारी सौंपी गई। तनु ने अपने कार्यकाल में विद्यालय की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया और विद्यालय की उपलब्धियों के साथ-साथ समस्याओं को भी खुलकर सामने रखा।
तनु विश्वकर्मा ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों का व्यवहार, मिड डे मील योजना, खेलकूद गतिविधियाँ और शिक्षण व्यवस्था बेहद सराहनीय हैं। अध्यापकगण बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय में विद्यार्थियों को न केवल पढ़ाई बल्कि खेलकूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी समान अवसर दिए जा रहे हैं।
हालांकि तनु ने विद्यालय की कुछ गंभीर समस्याओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में बिजली की समस्या लगातार बनी रहती है, जिससे कक्षाओं में पढ़ाई प्रभावित होती है। साथ ही विद्यालय परिसर में लगा बिजली का ट्रांसफार्मर बच्चों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। कई बार इसे हटवाने की मांग संबंधित विभाग से की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
तनु ने यह भी बताया कि विद्यालय में साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत दयनीय है। सफाई कर्मियों की लापरवाही के कारण परिसर में गंदगी बनी रहती है, जिससे बच्चों को असुविधा होती है। उन्होंने प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की कि सफाई व्यवस्था में सुधार लाया जाए और विद्यालय को स्वच्छ तथा सुरक्षित बनाया जाए।
विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने तनु विश्वकर्मा की समझदारी, आत्मविश्वास और स्पष्ट वक्तव्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि तनु ने एक दिन की प्रधानाध्यापिका बनकर यह साबित किया कि बेटियाँ जिम्मेदारी से किसी भी भूमिका को निभाने में सक्षम हैं। कार्यक्रम ने विद्यालय में बालिकाओं के सशक्तिकरण और शिक्षा के प्रति जागरूकता को एक नई दिशा दी।





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