चकिया शहाबगंज (मीडिया टाइम्स )। शहाबगंज ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत रामशाला में लोक
निर्माण विभाग (PWD) द्वारा बनाई गई सड़क की हालत इन दिनों बद से बदतर हो चुकी है। आए दिन टूट-फूट और गड्ढों से होकर गुजरना ग्रामीणों की मजबूरी बन गया है। लेकिन पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी—विशेषकर जूनियर इंजीनियर (JE)—मौके की वास्तविकता से आंख मूंदे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जेई अब तक कई बार जांच के नाम पर मौके पर गया, लेकिन हर बार कोरमपूर्ती कर लौट आया।
गांव वालों ने जताई नाराजगी, सड़क पर चलना जानलेवा
रामशाला के ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क रामशाला प्राइमरी विद्यालय और अन्य गांवों को जोड़ती है। इस पर आवागमन काफी अधिक है, लेकिन सड़क की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। बारिश के चलते कई जगह गड्ढे जलभराव से लबालब हैं, जिससे बाइक और साइकिल सवारों का फिसलकर गिरना आम हो गया है।
कोरमपूर्ती का खेल, सुध लेने कोई तैयार नहीं
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जेई मौके पर कई बार आया जरूर, लेकिन हर बार सिर्फ औपचारिकता निभाकर चला गया। न तो किसी तरह की मरम्मत की पहल की गई और न ही कोई ठोस रिपोर्ट बनी। ग्रामीणों का कहना है कि जांच की आड़ में सिर्फ कोरमपूर्ती कर फाइलों में मामला निस्तारित कर दिया जा रहा है।
"केवल फाइलों में बन रही सड़क" — ग्रामीण
एक ग्रामीण मनीष कुमार ने कहा, "सड़क तो अब सिर्फ कागजों में ही अच्छी है। जेई साहब आते हैं, दो-चार फोटो लेते हैं और फिर चले जाते हैं। आज तक एक गिट्टी भी नहीं डाली गई।" वहीं महिला ग्रामीण चिन्ता देवी ने बताया कि स्कूल जाने वाले बच्चों को रोज गिरने का डर रहता है, लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
जनप्रतिनिधि भी खामोश, शासन-प्रशासन की चुप्पी खतरनाक
ग्राम पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक, किसी ने भी अब तक गंभीरता नहीं दिखाई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय गांव की सुध लेते हैं, बाद में समस्याओं से मुंह मोड़ लेते हैं।
ग्रामीणों की मांग—मरम्मत हो तत्काल, जेई पर हो कार्रवाई
गांववासियों ने चंदौली के जिलाधिकारी से मांग की है कि रामशाला की सड़क का शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू कराया जाए और लापरवाह जेई पर विभागीय कार्रवाई हो। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।




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