इलाज के दौरान किशोरी की मौत, बकाया पैसे न देने पर अस्पताल ने शव रोका, मीडिया हस्तक्षेप से खुला मामला
चंदौली। अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित आयुष हेल्थ केयर में मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। 17 वर्षीय प्रियांशी कुमारी की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से बकाया ₹44,000 की मांग कर शव को रोक लिया।
परिजनों ने बताया कि तीन दिन पूर्व प्रियांशी को न्यूरो संबंधी बीमारी के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान अब तक ₹35,000 का भुगतान किया जा चुका था, लेकिन 25 अगस्त को किशोरी की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने शेष ₹44,000 की वसूली के बिना शव देने से इनकार कर दिया।
सूचना पर मीडिया और पुलिस मौके पर पहुंची। मृतका के भाई ने भुगतान की रसीदें और डिजिटल ट्रांजेक्शन के सबूत भी दिखाए। परिजनों का आरोप है कि इसके बावजूद अस्पताल संचालक एके सिंह ने पुलिस और कुछ स्थानीय लोगों की मदद से दबाव डालकर उनसे जबरन लिखित समझौता कराया और कैमरे के सामने अपनी सफाई पेश करने को मजबूर किया।
गरीब परिवार ने मजबूरी में समझौते की शर्तें मान लीं और तभी शव को सौंपा गया। परिजन अपनी बहन का शव लेकर बिहार के कैमूर जनपद स्थित पैतृक गांव चले गए।
इस प्रकरण ने अस्पताल की मनमानी और प्रशासनिक मिलीभगत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, मीडिया द्वारा मामले को उजागर किए जाने के बाद अस्पताल संचालक ने दो पत्रकारों के खिलाफ अलीपुर थाने में झूठा मुकदमा दर्ज कराया, जिस पर पत्रकारों ने कड़ा विरोध जताया है।






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