चकिया तहसील में रक्षाबंधन के पर्व पर मिठाई बाजार में मिलावट का बोलबाला, प्रशासनिक चुप्पी से बढ़ रहा खतरा
मिलावटी खोवा और नकली पनीर की आवक तेज
सूत्रों के अनुसार बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों और वाराणसी-गाजीपुर से सस्ते दामों पर नकली खोवा व पनीर की खेप चकिया के बाजार में पहुंच रही है। इन्हीं से बनी मिठाइयां स्थानीय दुकानों पर सजकर बेची जा रही हैं। 300-400 रुपये किलो बताकर जो खोवा ग्राहकों को बेचा जा रहा है, वह असल में रिफाइंड तेल, मैदा और सिंथेटिक केमिकल से तैयार किया गया नकली पदार्थ है।
स्वास्थ्य के लिए घातक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के नकली और मिलावटी उत्पादों का सेवन करने से पेट की गंभीर बीमारियां, फूड प्वाइजनिंग, लीवर और किडनी पर असर और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा हो सकता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी घातक साबित हो सकता है।
खाद्य विभाग की चुप्पी संदेहास्पद
बाजार में खुलेआम मिलावटी खोवा और मिठाई बिक रही है, लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारी नदारद हैं। ना ही दुकानों पर कोई नियमित जांच की जा रही है और ना ही किसी मिठाई का सैंपल लिया गया है। पिछले वर्षों में त्योहारों के समय जो छापेमारी होती थी, इस बार वह भी पूरी तरह गायब है। इस चुप्पी को लेकर आम जनता में रोष है। लोगों का सवाल है कि क्या खाद्य विभाग की मिलीभगत से ही यह गोरखधंधा चल रहा है?
मिठाई दुकानदारों में बढ़ा दुस्साहस
कई मिठाई विक्रेता खुलेआम मानते हैं कि सस्ते खोवा और पनीर से मिठाइयां बनाना उनके लिए ज्यादा मुनाफे का सौदा है। जब प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होती, तो उन्हें भी डर नहीं लगता। कई दुकानों में मिठाइयां बिना कवर, बिना एक्सपायरी जानकारी और खुले में मक्खियों के झुंड के बीच बिक रही हैं।
जनता और सामाजिक संगठनों की मांग
स्थानीय जागरूक नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिलाधिकारी और खाद्य सुरक्षा विभाग से मांग की है कि वे तत्काल चकिया और आसपास के बाजारों में छापेमारी अभियान शुरू करें, मिठाई दुकानों से सैंपल लेकर जांच कराएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही नकली खोवा और पनीर की आपूर्ति पर भी निगरानी बढ़ाई जाए।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
जब इस बाबत खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने जवाब देने से बचते हुए केवल इतना कहा कि “जल्द ही जांच कराई जाएगी।” लेकिन सवाल यह उठता है कि त्योहार से ठीक पहले जब मिलावट का बाजार गरम है, तब भी विभाग हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है?
रक्षाबंधन की मिठास में मिलावट न हो, इसके लिए प्रशासन को सजग होना पड़ेगा। यदि समय रहते सख्ती नहीं बरती गई, तो यह मिठाई किसी के लिए गंभीर बीमारी या जान का खतरा भी बन सकती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन अब नींद से जागेगा और जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर नकेल कसेगा।






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