"अगर कोईलरवा हनुमान जी की कृपा न होती, तो चंदौली रो रहा होता! जानिए क्या है मामला
राजदरी से लौटते समय एडिशनल एसपी की कार को टक्कर, बाल-बाल बचे सपरिवार, चेकिंग प्वाइंट कहां थे साहब? खुल गई पोल
पर्यटन और तीर्थ की मिली-जुली पहचान रखने वाला राजदरी–देवदरी जलप्रपात और कोईलरवा हनुमान मंदिर रविवार को एक बड़ी दुर्घटना का गवाह बनते-बनते बचा। चंदौली के एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा, जो परिवार संग जलप्रपात और हनुमान मंदिर के दर्शन कर लौट रहे थे, जमसोती मोड़ पर सैलानियों की तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गए।
आपको बता दें कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि एडिशनल एसपी और परिवार की जान बाल-बाल बची।
अधिकारी ने खुद कहा – "हम तो हनुमान जी की कृपा से ही बचे हैं।" लेकिन असली सवाल यह है – जब हजारों की भीड़ आती है तो सुरक्षा कहां होती है? चेकिंग पॉइंट कहां थे पुलिस के? और प्रशासन किसके भरोसे है?
जमसोती के पास हुआ हादसा, पुलिस चेकिंग गायब, दो सैलानी घायल
एडिशनल एसपी की गाड़ी जैसे ही जमसोती मोड़ के पास पहुंची, तेज रफ्तार में आ रही सैलानियों की गाड़ी ने टक्कर मार दी। दोनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और इसमें दो सैलानी भी घायल हुए, जिन्हें तत्काल चकिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। हादसे के बाद एक घंटे तक सड़क जाम रही, गाड़ियों की लंबी कतार लग गई।
थानाध्यक्ष रमेश यादव मौके पर पहुंचे और हाइड्रा बुलाकर सड़क से गाड़ियों को हटवाया, तब जाकर जाम खुल सका।
सवाल: पर्यटन सीजन में ट्रैफिक पुलिस कहां है
राजदरी–देवदरी पर रविवार को भीड़ तय मानी जाती है। फिर भी न चेकिंग पॉइंट, न ट्रैफिक कंट्रोल। जमसोती और जलेबिया मोड़ पर कोई भी ट्रैफिक पुलिस तैनात नहीं थी।
क्या एडिशनल एसपी की जगह कोई आम नागरिक होता तो प्रशासन की आंख खुलती?
"हनुमान जी की दया से बच गई जान", बोले साहब
एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा ने कहा, "हम लोग कोईलरवा हनुमान जी के दर्शन कर लौट रहे थे। भगवान की कृपा से हम सब सुरक्षित हैं। लेकिन भीड़-भाड़ वाले इलाकों में चेकिंग न होना गंभीर लापरवाही है।" बताया जा रहा है कि घटना की सूचना मिलने पर ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की गई है।




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