चकिया ब्लॉक के पचफेडिया में मनरेगा घोटाला: मस्टररोल भरने के लिए पैसा देकर मंगाए जाते हैं मजदूर
चंदौली। जनपद के चकिया ब्लॉक स्थित पचफेडिया गांव में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत से योजनाओं में जमकर धांधली की जा रही है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि मस्टररोल (हाजिरी रजिस्टर) भरने के लिए मजदूरों को पैसे देकर बुलाया जाता है, ताकि कागजों पर उपस्थिति दर्ज की जा सके। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिन मजदूरों के नाम पर मजदूरी निकाली जाती है, वे असल में कार्यस्थल पर कभी दिखाई ही नहीं देते।
फर्जी हाजिरी के लिए 100-150 रुपये में बुलाए जाते मजदूर
सूत्रों के अनुसार, कई बार गांव के ही कुछ लोगों को 100 से 150 रुपये देकर सिर्फ फोटो खिंचवाने और हस्ताक्षर करने के लिए बुलाया जाता है। इसके बाद सरकारी पोर्टल पर मजदूरी की पूरी रकम अपलोड कर दी जाती है, जो सीधे ग्राम प्रधान और सचिव के नियंत्रण वाले खातों में चली जाती है।
कार्यस्थल पर मौजूद रहते हैं गिनती के मजदूर
कागजों में लगभग 200 मजदूरों की उपस्थिति दिखाई जाती है, लेकिन मौके पर महज 10–15 मजदूर ही दिखाई देते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
ग्रामीणों की आवाज दबाने की कोशिश
जो ग्रामीण इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें दबाव में लाने की कोशिश की जाती है। कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रशासन तक शिकायतें पहुंचाई गई हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जांच की मांग और प्रशासन की चुप्पी
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और मनरेगा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो गांव में विरोध प्रदर्शन और धरना शुरू करने की चेतावनी दी गई है।
> मनरेगा जैसी कल्याणकारी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। समय रहते जांच न हुई तो यह गड़बड़ी और बढ़ सकती है।








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