इलिया यूपी बिहार बॉर्डर पर देसी शराब दुकान नंबर दो पर खुलेआम मनमानी, चकिया आबकारी विभाग की मेहरबानी! बॉर्डर पर शराब माफिया की मनमानी चरम पर
इलिया बॉर्डर पर शराब का अड्डा! 24 घंटे खुलेआम बिक्री, सुबह से लगती भीड
नियमों की धज्जियां: इलिया देसी शराब दुकान पर दिन-रात ओवररेटिंग का खेल
सुबह की शुरुआत नशे से, इलिया ठेका बना कानून की खिल्ली का केंद्र
यूपी-बिहार सीमा पर बेलगाम शराब बिक्री, ओवररेटिंग से लूट रहा गरीबों का हक
इलिया (चंदौली)। यूपी बिहार बॉर्डर पर स्थित इलिया बाजार की देसी शराब दुकान नंबर दो पर नियम-कानून का खुला मजाक बनता नजर आ रहा है। नियमों के मुताबिक शराब बिक्री का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित है, लेकिन यहां 24 घंटे खुलेआम शराब बेची जा रही है।
सुबह होते ही दुकान के बाहर शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। मजदूरी, खेती-बारी छोड़ लोग पहले शराब के नशे में धुत्त हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह से ही दुकान खुल जाती है और देर रात तक धंधा चलता है।
इतना ही नहीं, यहां शराबियों से ओवररेटिंग कर मनमानी वसूली की जाती है। सरकार द्वारा निर्धारित रेट को ताक पर रखकर 10 से 30 रुपये प्रति शीशी अधिक वसूला जा रहा है। कई बार ग्राहक विरोध भी करते हैं, लेकिन दुकानदार और उसके गुर्गे दबंगई दिखाकर जबरन वसूली करते हैं।
आबकारी विभाग का संरक्षण या मिलीभगत?
इलाके के लोगों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद चकिया आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। उल्टा शिकायत करने वाले ग्रामीणों को दबाव का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि विभाग के कुछ अफसरों की “मंथली सेटिंग” के चलते ही शराब दुकान को पूरी छूट मिली हुई है।
सुबह-सुबह शराबियों की भीड़, गांव का माहौल खराब
सुबह से ही शराबियों की लाइन लग जाती है। बच्चों और महिलाओं को बाजार जाने में परेशानी होती है। ओवररेटिंग के नाम पर गरीब मज़दूरों की जेब काटी जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद आबकारी विभाग मौन साधे हुए है। इसका सीधा फायदा दुकानदार उठा रहा है। सुबह के समय शराब मिलने से गांव का माहौल भी खराब हो रहा है।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग से मांग की है कि इलिया शराब दुकान नंबर दो की तत्काल जांच कराई जाए। निर्धारित समय के बाहर शराब बिक्री और ओवररेटिंग पर कड़ी कार्रवाई हो।










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