फिरोजपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा घोटाला! कागज पर 224 मजदूर, मौके पर दिखे गिनती भर,जिम्मेदार कौन?
चकिया/फिरोजपुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गरीब मजदूरों को रोजगार देने का दावा तो सरकार बड़े जोर-शोर से करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ताजा मामला चकिया ब्लॉक के फिरोजपुर ग्राम पंचायत का है, जहां मस्टर रोल में 224 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज हो रही है, लेकिन जब हकीकत जानने के लिए टीम मौके पर पहुंची तो गिनती के ही मजदूर काम करते मिले।
सूत्रों के मुताबिक पंचायत प्रतिनिधियों और सचिव की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा खुलेआम चल रहा है। कागजों पर मजदूरों के नाम दर्ज कर उनकी हाजिरी लगाई जाती है, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं कराया जाता या फिर गिनती के कुछ मजदूरों से नाम मात्र का काम कराया जाता है। बाकी फर्जी मजदूरों की मजदूरी सीधे बिचौलियों और प्रधान-सचिव की जेब में चली जाती है।
मौके पर पसरा सन्नाटा, मस्टर रोल में भीड़!
हमारे संवाददाता ने मौके पर जाकर देखा कि जहां कागजों पर 224 मजदूरों की मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, वहां महज 15-20 मजदूर ही कार्यस्थल पर नजर आए। स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकतर मजदूर तो घर पर आराम करते हैं या खेतों में निजी काम में लगे रहते हैं, लेकिन उनके नाम से सरकारी पैसा निकाला जा रहा है।
एक मजदूर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमनी के हाजिरी त लगावल जात बा, लेकिन कभी-कभी बिना काम के ही नाम चढ़ा देत बा लोग। कइसे कहें, ऊपर से दबाव बा।”
प्रशासनिक चुप्पी बनी सवाल
इतने बड़े फर्जीवाड़े के बावजूद पंचायत सचिव और संबंधित अधिकारियों की चुप्पी सवाल खड़ा कर रही है। ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन तक को इस मामले की जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी कोई इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे धमकाया जाता है या नजरअंदाज कर दिया जाता है।
जिम्मेदार कौन?
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर फिरोजपुर पंचायत में यह घोटाला किसकी शह पर चल रहा है? क्या ग्राम प्रधान की जानकारी में यह फर्जीवाड़ा हो रहा है या वह खुद इस खेल के सरगना हैं? मजदूरों का हक मारकर लाखों की बंदरबांट का सिलसिला आखिर कब तक चलेगा?
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही मस्टर रोल में दर्ज मजदूरों का सोशल ऑडिट कराया जाए ताकि हकीकत सामने आ सके।











No comments:
Post a Comment