डीडीयू जंक्शन पर बड़ा घालमेल: मेडिकल व लाइसेंस एक्सपायर, फिर भी धड़ल्ले से संचालित वेंडर
डीडीयू (पंडित दीनदयाल उपाध्याय)। जंक्शन पर रेलवे की लापरवाही और कमर्शियल विभाग की चुप्पी एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। स्टेशन पर दर्जनों वेंडर ऐसे हैं जिनके मेडिकल प्रमाण पत्र और लाइसेंस या तो समाप्त हो चुके हैं या फिर अपडेट ही नहीं हुए, बावजूद इसके वे खुलेआम खाद्य और पेय पदार्थ बेच रहे हैं।
रेलवे के नियमों के अनुसार, स्टेशन परिसर में संचालित किसी भी वेंडर के लिए वैध लाइसेंस और समय-समय पर नवीनीकृत मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है। इसका उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। लेकिन डीडीयू जंक्शन पर नियमों को दरकिनार कर धड़ल्ले से नियमविरुद्ध व्यापार जारी है।
कमर्शियल विभाग के अधिकारियों की इस पर चुप्पी और कार्रवाई न करना, भ्रष्टाचार और मिलीभगत की ओर इशारा करता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो अधिकारियों ने इन वेंडरों को खुली छूट दे रखी हो। यह स्थिति न केवल रेलवे की छवि को धूमिल कर रही है बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य से भी खुला खिलवाड़ है।
स्टेशन पर यात्रियों की भारी आवाजाही को देखते हुए यदि कोई खाद्य जनित बीमारी या घटना घटती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? समय रहते कार्रवाई न होने पर यह लापरवाही एक बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।
अब जरूरत है कि रेलवे प्रशासन तत्परता दिखाए, वेंडरों की जांच कराए, बिना लाइसेंस और मेडिकल प्रमाणपत्र वाले वेंडरों पर सख्त कार्रवाई करे और जिम्मेदार अधिकारियों की भी जवाबदेही तय करे।







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