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Tuesday, April 15, 2025

मोहल्ला शैखपुरा की पहचान पर फिर हमला, असामाजिक तत्वों ने तोड़ा बोर्ड

 मोहल्ला शैखपुरा की पहचान पर फिर हमला, असामाजिक तत्वों ने तोड़ा बोर्ड



स्थानीय लोगों में आक्रोश, बार-बार हो रही घटनाओं से आहत हैं मोहल्लेवासी






इलिया,सैदूपुर(चंदौली)।"नाम सिर्फ एक शब्द नहीं होता, वह इतिहास, पहचान और सम्मान का प्रतीक होता है।" लेकिन अफसोस कि सोमवार को इलिया थाने के बेलावर गांव अंतर्गत मोहल्ला शैखपुरा की पहचान को मिटाने की कोशिश की गई। अज्ञात अराजक तत्वों ने मोहल्ले के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड को तोड़ दिया — यह कोई पहली बार नहीं, बल्कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।



जिस मोहल्ले ने वर्षों से सांप्रदायिक सौहार्द,आपसी भाईचारे और एकता की मिसाल कायम की है, वहां इस प्रकार की घटनाएं न केवल अशांति फैलाने की कोशिश हैं, बल्कि समुदाय की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा भी प्रतीत होती हैं।


स्थानीय लोग दुखी और ग़ुस्से में

घटना की सूचना मिलते ही मोहल्लेवासियों में ग़ुस्से और दुख की लहर दौड़ गई। कई लोगों ने मौके पर एकत्र होकर अपना विरोध दर्ज कराया। मोहल्ले के वरिष्ठ नागरिक जनाब हाशिम अली ने कहा, "हमारा मोहल्ला एक परिवार की तरह है। इस बोर्ड में केवल नाम नहीं, हमारी पीढ़ियों की पहचान जुड़ी हुई है। इसे बार-बार निशाना बनाना हमारी अस्मिता पर हमला है।"


वहीं युवाओं ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। फैज़ान नामक युवक ने कहा, "हम पढ़ाई-लिखाई, रोजगार और समाज सेवा में आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।"


प्रशासन पर उठे सवाल


सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई। इससे पहले भी इस बोर्ड को दो बार तोड़ा जा चुका है, लेकिन अब तक न तो किसी दोषी की पहचान हुई, और न ही ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कड़े कदम उठाए होते, तो शायद आज यह घटना दोहराई न जाती।


नागरिकों की मांगें

घटना के बाद मोहल्ले के नागरिकों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें रखीं:


1. दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।



2. मोहल्ले की सीमाओं पर बोर्ड दोबारा लगाया जाए और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।



3. नियमित गश्त और निगरानी की व्यवस्था हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।



*आखिरी सवाल*

क्या हमारी पहचान की रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं?

क्या बार-बार की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही का प्रमाण नहीं हैं?

क्या हम अपने ही मोहल्ले के नाम को हर बार इस तरह टूटता हुआ देखते रहेंगे?


अब समय आ गया है कि समाज और प्रशासन, दोनों मिलकर इन अराजक तत्वों को सख्त संदेश दें कि मोहल्लों की शांति और सम्मान से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।





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