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Sunday, September 20, 2020

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में खुले-आम अराजक महिलाओं का आतंक

देश की सांकृतिक राजधानी काशी की छवि हो रही धूमिल

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में खुले-आम अराजक महिलाओं का आतंक

ग्राहक को लेकर आपस में भिड़ी महिलाएं

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र एवं देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली काशी की छवि धूमिल हो रही हैं। वजह आप भी जानकर हैरान हो जाएंगे, वाराणसी का प्रमुख रेलवे स्टेशन कैंट, जहाँ कोरोना महामारी में भी देश के कोने-कोने से हज़ारो यात्रिओं का रोजाना आवागमन लगा रहता हैं। वही कैन्ट रेलवे स्टेशन के बाहर रोड पर रोजाना पुलिस के नाक के नीचे दिन-दहाड़े सजता हैं मीना बाजार, जहाँ देह-व्यापार से जुडी महिलाएं खड़ी रहती हैं, जिसकी वजह से आए दिन अराजकता का माहौल बना रहता हैं। इनकी अराजकता की वजह से आम यात्रिओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। ताज़ा मामला शनिवार का हैं जब दोपहर में दो महिलाएं ग्राहक को लेकर आपस में भीड़ गयी। काफी देर तक अराजकता का माहौल बना रहा, लेकिन पुलिस मौके से नदारद दिखी। आए दिन स्टेशन के बाहर सड़क पर मचा रहता हैं अराजकता का आतंक। जबकी वहा से सिगरा थाना करीब 1 किमी की दुरी पर हैं। वही रोडवेज पुलिस चौकी करीब 200 मीटर पर होगा, लेकिन इन सब के बावजूद भी पुलिस इसपर ध्यान नही देती जिसकी वजह से रोजाना सजता हैं मीना बाजार, कई बार स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए आए यात्री, और काशी भ्रमण के लिए आए यात्रिओं को भी अराजकता का शिकार होना पड़ जाता हैं। बतादें कैन्ट रेलवे स्टेशन के सामने तमाम होटल, लाज, गेस्ट हाउस हैं। जहाँ पर अवैध तरीके से एक-दो घंटे के लिए कमरा दिया जाता हैं। इसमें तमाम ऐसे होटल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन तक नही हैं। और कुछ तो बस होटल, गेस्ट हाउस के नाम पर देह व्यापार करा रहें हैं। कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी अराजक महिलाएं भी इन्ही होटलो में जाती हैं।
 अब इसमें सोचने वाली बात तो यह है कि यहाँ से लगभग 1 किमी की दूरी पर सिगरा थाना हैं और उससे भी ज़्यादा सोचने वाली बात तो ये है कि चन्द कदमो की दूरी पर ही रोडवेज चौकी है। क्या इनको इन सब की जानकारी नही हैं? या इनका होटलो से इनका साठ-गांठ हैं, जिसकी वजह से सब कुछ जान कर भी पुलिस अंजान बनी रहती हैं। वैसे इस गंभीर विषय पर पूर्व में भी कई अखबारों में खबरे प्रकाशित हो चुकी हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। खबर प्रकाशित होने के बाद लोकल पुलिस खाना-पूर्ति के लिए एक-दो दिन अराजक तत्वों को खदेड़ देती हैं। लेकिन दूसरे दिन से फिर वही चालू हो जाता हैं।
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने काशी को विश्वपटल पर टूरिस्ट को बढ़ावा देने के लिए मेहनत करते हैं। वही चंद पैसो के लिए कुछ लोग साठ-गांठ कर इस प्रकार की अराजकता को बढ़ावा देते हैं। अब देखने वाली बात हैं इसपर उच्चाधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।

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