शटर बदले… फिर खुला झोलाछाप का क्लिनिक!
चकिया के हाजीपुर में ‘मुन्ना भाई MBBS’ बेखौफ, CMO की चुप्पी पर उठे सवाल
चंदौली/चकिया।
चंदौली जनपद के चकिया क्षेत्र अंतर्गत हाजीपुर गांव में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की पोल खुलती नजर आ रही है। यहां बिना किसी मान्य डिग्री और पंजीकरण के वर्षों से इलाज कर रहे पिंटू उर्फ चर्चित ‘मुन्ना भाई MBBS’ ने विभागीय सीलिंग को खुलेआम ठेंगा दिखा दिया है। एक सप्ताह पूर्व जिस अवैध क्लिनिक को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सील किया था, उसी परिसर से सटे दूसरे शटर के जरिए उसने दोबारा क्लिनिक खोल लिया और मरीजों का इलाज शुरू कर दिया।
जानकारी के अनुसार, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विकास कुमार सिन्हा की टीम ने हाजीपुर में छापेमारी कर पिंटू द्वारा संचालित झोलाछाप क्लिनिक को सील किया था। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने इसे बड़ी कार्रवाई बताकर अपनी पीठ थपथपाई थी। लेकिन महज कुछ ही दिनों के भीतर पिंटू ने पास के दूसरे शटर को खोलकर फिर से अवैध इलाज शुरू कर दिया। इससे विभागीय कार्रवाई की गंभीरता और प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पिंटू बिना किसी मेडिकल डिग्री के इंजेक्शन, ड्रिप और गंभीर बीमारियों का इलाज करता है। इससे मरीजों की जान को सीधा खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद न तो स्थानीय स्तर पर कोई निगरानी हो रही है और न ही दोबारा सख्त कार्रवाई।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब एक बार क्लिनिक सील हो चुका था, तो पुनः संचालन कैसे संभव हुआ? क्या झोलाछाप डॉक्टर को किसी प्रभावशाली संरक्षण का भरोसा है? ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसे कई झोलाछाप चिकित्सक पूरे क्षेत्र में खुलेआम क्लिनिक चला रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) वाई.के. राय की चुप्पी भी संदेह के घेरे में है। न तो कोई स्पष्ट बयान सामने आया है और न ही स्थायी समाधान। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी दिन बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता।
अब यह देखना अहम होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस बार सिर्फ औपचारिकता निभाता है या फिर ऐसे ‘मुन्ना भाई MBBS’ पर निर्णायक और स्थायी कार्रवाई कर जनता की सेहत की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।




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