शहाबगंज में मनरेगा घोटाले का आरोप: मुबारकपुर में 59 मजदूर सिर्फ कागज़ों पर, धरातल पर सन्नाटा, इस संबंध में डीसी मनरेगा ने कहा जांच करके फर्जी मस्टरोल जीरो कराया जाएगा
शहाबगंज। शहाबगंज ब्लॉक अंतर्गत मुबारकपुर ग्राम पंचायत में ब्लॉक प्रमुख निधि व मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के सनसनीखेज आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का कहना है कि धरातल पर काम न के बराबर है, जबकि मास्टर रोल में दर्जनों मजदूरों की फर्जी हाजिरी भर कर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है।
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि बीडीओ शहाबगंज दिनेश सिंह मौके पर जाकर निरीक्षण करने के बजाय कार्यालय में बैठकर “कमीशन सिस्टम” के तहत कागज़ों में ही कार्य स्वीकृत करा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सत्ता पक्ष का संरक्षण होने की वजह से स्थानीय स्तर पर कोई भी अधिकारी वीडियो जांच या सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा।
फर्जी मस्टररोल का खेल
रमेश, राजेश, महेंद्र ग्रामीणों के अनुसार पुरानी फोटो और अन्य स्थानों की तस्वीरें अपलोड कर काम पूरा दिखाया जा रहा है।
मजदूरों के नाम किसी और के, काम कोई और करता है — या काम होता ही नहीं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य ने बताया:
> “ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक कमीशन जाता है, इसीलिए मनरेगा में यह फर्जीवाड़ा खुलेआम चल रहा है। 59 मजदूर केवल कागजों में हाजिरी लगाए हुए हैं।”
विवादित कार्य विवरण
पहला कार्य
ब्लॉक: शहाबगंज
पंचायत: मुबारकपुर
कार्य कोड: 3171008/एलडी/958486255824945020
एमएसआर नंबर: 12465
कार्य: सोमारू के खेत से लोलारक के खेत तक बंधी निर्माण
मास्टर रोल में मजदूर: 16
दूसरा कार्य
ब्लॉक: शहाबगंज
पंचायत: मुबारकपुर
कार्य कोड: 3171008/एलडी/958486255824876657
एमएसआर नंबर: 12437
कार्य: रजिंदर के खेत से मुलायम के खेत तक चकरोड पर मिट्टी कार्य
मस्टररोल में
मजदूर: 43
इन दोनों कार्यों में कुल 59 मजदूर कागजों पर दर्ज हैं, जबकि ग्रामीणों का दावा है कि धरातल पर न तो उतने मजदूर दिखे, न ही समुचित कार्य हुआ।
ग्रामीणों का आरोपग्रामीणों का कहना है:
> “न मजदूर दिखाई देते हैं, न काम की रफ्तार। सिर्फ फोटो डालकर सरकारी पैसे डकारे जा रहे हैं।”
“बीडीओ मौके पर आने की जहमत तक नहीं उठाते, सबकुछ फाइलों में ही निपट जा रहा है।”
प्रशासन का पक्ष
जब इस संबंध में डीसी मनरेगा से बात की गई तो उन्होंने कहा:
> “इस मामले में मैं बीडीओ शहाबगंज दिनेश सिंह से बात कर जांच करवा रहा हूँ। यदि कार्य फर्जी पाया गया तो तत्काल मास्टररोल जीरो कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी ऐसे बयानों के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए जांच पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
ग्रामीणों की मांग
स्वतंत्र एजेंसी से जांच
मौके पर वीडियोग्राफी के साथ भौतिक सत्यापन
फर्जी मास्टर रोल निरस्त कर मजदूर भुगतान रोक
दोषी अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों पर एफआईआर
अब सबकी नजर कार्रवाई पर
मुबारकपुर मनरेगा प्रकरण ने एक बार फिर ग्रामीण विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना यह होगा कि—
✔️ वास्तव में निष्पक्ष जांच होती है
❌ या फिर यह मामला भी “फाइलों में निपटाकर” दबा दिया जाएगा।
ग्रामीणों की उम्मीद है कि इस बार सिर्फ आश्वासन नहीं, धरातल पर ठोस कार्रवाई दिखाई दे।





















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