अटेवा ब्लॉक इकाई की बैठक संपन्न — विशुद्धानन्द बने ब्लॉक अध्यक्ष, महामंत्री बने अशोक, संगठन को सशक्त और व्यापक बनाने का लिया संकल्प
शहाबगंज। स्थानीय ब्लॉक संसाधन केन्द्र शहाबगंज पर अटेवा (उत्तर प्रदेश कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच) की ब्लॉक इकाई की बैठक उत्साहपूर्ण और जोशपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने की।
बैठक में ब्लॉक इकाई के पुनर्गठन, संगठन की मजबूती, सदस्यता विस्तार तथा पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन को गति देने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
जिलाध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि “एकजुटता ही संगठन की सबसे बड़ी ताकत है। अटेवा कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों की साझा आवाज़ है। जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। संगठन की शक्ति उसकी एकजुटता और अनुशासन में निहित है।”
शिक्षामित्र संघ के मण्डल अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि “संगठन को गाँव-गाँव, विद्यालय-विद्यालय तक पहुँचाना प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है। जब तक पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल नहीं होती, तब तक यह आंदोलन अडिग रहेगा। यह संघर्ष सिर्फ पेंशन का नहीं, बल्कि अधिकार और सम्मान की रक्षा का प्रतीक है।”
बैठक में सर्वसम्मति से विशुद्धानन्द को ब्लॉक अध्यक्ष और अशोक प्रजापति को महामंत्री चुना गया। उपस्थित सभी पदाधिकारियों और शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी और संगठन को नई दिशा देने का संकल्प लिया।
प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेश यादव और जूनियर शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष केशरी नन्दन जायसवाल ने कहा कि “अटेवा का संघर्ष अब हर शिक्षक का संघर्ष बन गया है। आने वाली पीढ़ियों के अधिकारों की रक्षा हेतु हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।”
अनुदेशक संघ के मंडल अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि “शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी वर्ग एक सूत्र में बंधे हैं। अटेवा ने सबको एक मंच पर लाकर सामूहिक शक्ति का परिचय दिया है।”
बैठक के बीच एक प्रेरक और भावनात्मक क्षण उस समय आया जब शिक्षक अरविन्द कौशल ने पुरानी पेंशन को लेकर अपना स्वरचित गीत प्रस्तुत किया — “बात अब तक सुनें हैं तुम्हारी,
बात अब न सुनेंगे तुम्हारी...”
और
“कुछ इस तरह से ज़िंदगी आबाद कर रहा हूँ,
नफ़रत के फूल नोच के बर्बाद कर रहा हूँ...”
उनके गीतों ने उपस्थित शिक्षकों में नई ऊर्जा और जोश भर दिया। पूरे हाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और माहौल जोश, उम्मीद और एकजुटता से भर गया।
इस अवसर पर राणा प्रताप, श्याम बिहारी, राम विलास, अवधेश यादव, राजन मौर्या, शैलेन्द्र कुमार, दीपक कुमार, विजई प्रसाद, प्रभुपाल, विनोद मौर्या, शमशेर सिंह, दीनदयाल मौर्या, यादवेन्द्र रावत, संजय प्रसाद, भैया लाल प्रजापति, उमेश कुमार, दिवाकर सिंह, प्रमोद कुमार, अशोक कुमार अरुण, प्रकाश चन्द्र भारती, अभिनव सिंह, अरविन्द कौशल, चन्द्रशेखर, सुजीत गुप्ता, इन्द्रपाल चन्द्रशेखर, अवनीश सिंह, वकील पाठक, संदीप कुमार, सत्येन्द्र सिंह, धर्मेन्द्र पटेल, निर्मल सिंह, आदर्श यादव, अभिषेक सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कन्हैया लाल गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा कि “संगठन की सफलता सामूहिक प्रयासों और अनुशासन पर निर्भर करती है। प्रत्येक सदस्य को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।”
“अटेवा केवल संगठन नहीं, यह एक मिशन है — अधिकार, सम्मान और भविष्य की सुरक्षा के लिए संघर्ष का। मैं संगठन की मजबूती और पुरानी पेंशन बहाली के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करूंगा। हर साथी की भागीदारी से अटेवा को और अधिक सशक्त व सर्वव्यापी बनाया जाएगा।”







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