मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा: महिलाओं के नाम पर भुगतान, फोटो में पुरुष; जेई-सेक्रेटरी की मिलीभगत से चल रहा खेल
शहाबगंज,चंदौली। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में जमीनी स्तर पर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। शहाबगंज ब्लॉक क्षेत्र के तियरी गांव समेत कई अन्य गांवों में मनरेगा कार्यों में फर्जीवाड़े के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रमुख निधि के तहत हो रहे कामों में एक ही तरह की पुरानी फोटोज लगाकर योजना की पूर्ति दिखाई जा रही है। असली मजदूरों को दरकिनार कर गांव के चहेते लोगों को कागजों पर मजदूर बनाकर भुगतान कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, महिलाओं का मास्टररोल तैयार कर, भुगतान के लिए पुरुष मजदूरों की तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं।
गांव वालों की आपबीती
तियरी गांव के एक किसान ने कहा, “हम लोग रोजाना काम पर जाते हैं, लेकिन भुगतान कहीं और के नाम पर निकल जाता है। हमारे नाम और फोटो तक बदल दिए जाते हैं। यह हमारे हक की सीधी चोरी है।”
गांव के ही एक बुजुर्ग ने आरोप लगाया, “रोजगार सेवक और जेई मिलकर फर्जी मजदूरों को लाभ पहुंचाते हैं। मजदूरी का पैसा निकलते ही मजदूरों से जबरन हिस्सा वसूला जाता है। यह खेल वर्षों से चल रहा है।”
कमीशन का खेल
ब्लॉक के कुछ कर्मचारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि मनरेगा के ज्यादातर कामों में “बंधी-बधाई कमीशन” पहले से तय रहती है। कागजों पर काम पूरा दिखाकर, भुगतान से लेकर पासिंग तक हर टेबल पर हिस्सा बांटा जाता है।
प्रशासन का रुख
मामले की जानकारी होने पर डीसी मनरेगा ने कहा, “मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस फर्जीवाड़े पर अंकुश नहीं लगाया गया तो गरीब मजदूरों का हक मारने का यह खेल आगे भी चलता रहेगा। अब सबकी नजरें जांच और सरकार की सख्ती पर टिकी हैं।








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