चकिया ( मीडिया टाइम्स )। शासन की ओर से गर्भवती और धात्री महिलाओं को मिलने वाले बाल पुष्टाहार में अवैध वसूली का मामला सामने आया था।
आरोप था कि सोनहुल स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में तैनात प्राइवेट कर्मी जबरन कटौती कर रहे।
असल में, यह मामला किसी प्रकार की वसूली का नहीं था, बल्कि खाद्य सामग्री के वितरण से संबंधित एक गलतफहमी और उसके कारण उत्पन्न हुआ विरोध प्रदर्शन था।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बताया गया था, कि बाल विकास परियोजना कार्यालय पर वसूली चल रही है जबकि कोई ऐसी बात नहीं है, बात यह था कि 9 केंद्रों का राशन अर्बन में चला गया इसी को लेकर हंगामा किया गया था।
जो की घर-घर जाकर नैफेड के द्वारा पहुंचा जायेगा इसी राशन को लेकर हंगामा हुआ था।
क्या बोले जिम्मेदार।
यह योजन सरकार द्वारा विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए चलाई गई है। इस योजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। राशन वितरण के दौरान हम सभी केंद्रों पर राशन देते हैं।




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