कृष्णा जन कल्याण सोसायटी के नाम पर लोन और नौकरी दिलाने का झांसा, लाखों लेकर फरार हुआ फर्जी एजेंट
चकिया/चन्दौली। चकिया तहसील के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। कृष्णा जन कल्याण सोसायटी, सिगरा (वाराणसी) का स्वयं को एजेंट बताने वाला एक व्यक्ति महिलाओं को लोन और युवकों को नौकरी दिलाने का लालच देकर लाखों रुपये लेकर फरार हो गया। इस घटना से प्रभावित ग्रामीणों में गहरी नाराजगी और आक्रोश देखने को मिल रहा है।
अलग-अलग गांवों से लोगों से वसूली
मिली जानकारी के अनुसार, यह फर्जी एजेंट चकिया तहसील के सैदपुर, मंगरौर, खरौझा, शेरपुर, गांधीनगर, पालपुर, बरहुआ, अर्जी समेत कई गांवों में सक्रिय था।
महिलाओं को वह कहता था कि सोसायटी की ओर से 50 हज़ार से लेकर 2 लाख तक का लोन आसान किस्तों पर मिलेगा, बस पहले रजिस्ट्रेशन और प्रोसेसिंग फीस देनी होगी।
वहीं युवकों को वह सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाने का लालच देता था। इसके एवज में अलग-अलग लोगों से 10 से 50 हज़ार रुपये तक की वसूली की गई।
ग्रामीणों की जमा-पूंजी पर डाला डाका
ग्रामीणों का आरोप है कि एजेंट ने भरोसा जीतने के लिए शुरू में कुछ महिलाओं से कागजात लेकर "स्वीकृति पत्र" भी थमा दिया था, ताकि लोग उसे असली समझें। लेकिन जैसे ही बड़ी रकम हाथ लगी, वह अचानक गांव से गायब हो गया। अब न तो उसका मोबाइल फोन लग रहा है और न ही उसका ठिकाना मिल रहा है।
महिलाओं और युवकों का सबसे अधिक नुकसान
महिलाएं, जो अपने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लोन लेना चाहती थीं, उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
युवक, जो नौकरी की तलाश में एजेंट के झांसे में आए, उनकी मेहनत की कमाई ठग ली गई।
ग्रामीणों की शिकायत और पुलिस की भूमिका
पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि वे अब सामूहिक रूप से इसकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। कई लोगों ने चकिया थाने और तहसील प्रशासन से संपर्क किया है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक FIR दर्ज नहीं हुई है।
ग्रामीणों की पीड़ा
गांधीनगर की एक महिला ने बताया –
> "हमें कहा गया था कि 1,200 रुपये जमा करने पर 50 हज़ार का लोन मिलेगा। हमने कागज भी दे दिए थे, लेकिन अब न लोन मिला और न पैसे लौटे।"
वहीं पालपुर के एक युवक ने बताया –
> "नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हज़ार रुपये लिए, अब एजेंट गायब है। हमारी मेहनत की कमाई डूब गई।"
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि इस तरह के फर्जी एजेंटों पर शीघ्र कार्रवाई कर गिरफ्तारी की जाए, ताकि आगे और कोई ठगी का शिकार न हो। साथ ही सोसायटी के नाम पर चल रही इस तरह की धोखाधड़ी की गहन जांच की जाए।
👉 यह मामला सिर्फ ठगी का नहीं, बल्कि ग्रामीण अंचल में लोन और नौकरी की आस में जी रहे लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ का भी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर प्रकरण पर कब और क्या ठोस कदम उठाता है।




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