चकिया चंदौली ( मीडिया टाइम्स )। उत्तर प्रदेश के चकिया हेतिमपुर की एक ग्राम पंचायत में बनी
गौशाला में गौवंश की दुर्दशा देखकर आपका मन विचलित हो उठेगा। यहां गायों को संरक्षण देने के नाम पर उनके साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है। कहने को तो गौवंश को आश्रय देने के उद्देश्य से यह गौशाला बनाई गई है, लेकिन यहां की वास्तविकता कुछ और ही बयां करती है।
लगभग 63 की संख्या में गौवंश यहां मौजूद है, लेकिन उनके लिए हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं है। इन बेजुबान जानवरों को सूखे चारे के नाम पर पानी मिला हुआ भूसा दिया जा रहा है, जिसे खाकर इनकी सेहत और बिगड़ती जा रही है। यहां बीमार गायों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। कमजोर और लाचार गायें तड़प-तड़प कर मर रही हैं, लेकिन ग्राम पंचायत या जिला प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
गौरतलब है कि विकासखंड क्षेत्र चकिया की ग्राम पंचायत हेतिमपुर में बनी गौशाला की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। एक तरफ सरकार गौवंश के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर इस तरह की लापरवाही और उदासीनता देखने को मिल रही है। सवाल यह उठता है कि आखिर इन बेजुबान जानवरों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण की बात कर रहे हैं लेकिन यहां गौशाला में व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। सूत्रों के अनुसार यहां पशुओं को सिर्फ सूखा पानी मिला हुआ भूसा दिया जा रहा है। पशुओं के लिए दाने की व्यवस्था नहीं है। हरा चारा तो पशुओं को नसीब ही नहीं होता, जिम्मेदार लोग लापरवाह है। यह वाकई में बहुत दुखद और शर्मनाक स्थिति है। जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे ताकि गौवंश को इस नारकीय जीवन से मुक्ति मिल सके।




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