बारिश के मौसम में भी बोदलपुर में मनरेगा के तहत कागजों में काम कर रहे 268 लेबर, ग्राम पंचायत सचिव की मिलीभगत से हो रहा लाखों का गमन
चकिया(मीडिया टाइम्स)। क्षेत्र के ग्राम पंचायत बोदलपुर में मनरेगा योजना में भारी अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। यहां बारिश के मौसम में भी कागजों पर 268 मजदूरों को कार्यरत दिखाया गया है, जबकि मौके पर मजदूरों की संख्या न के बराबर है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मनरेगा के तहत जो कार्य दर्शाए जा रहे हैं, वे धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहे।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से फर्जी मस्टररोल तैयार किया जा रहा है। इसमें मजदूरों के नाम पर भुगतान निकालकर सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है। यह घोटाला महीनों से जारी है, लेकिन संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
ग्रामवासियों ने बताया कि कई मजदूरों को उनके नाम से भुगतान होने की जानकारी तक नहीं है। जब उन्हें इसका पता चला तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह पूरा मामला न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि मनरेगा जैसी गरीबों के हित में चलाई जा रही योजना की साख पर भी सवाल खड़े करता है।
वही ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा कार्यों में बिना काम कराए मजदूरों की फोटो से फोटो खींचकर मस्टररोल भरा जा रहा है। इससे फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कर भुगतान निकाला जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से चल रही है।
खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) चकिया का वर्जन-
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) चकिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इसकी गहन जांच कराई जाएगी। यदि जांच में अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीडीओ ने स्पष्ट किया कि मनरेगा जैसी योजना में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सेवक और कार्यदायी संस्था की भूमिका की जांच की जा रही है। जल्द ही टीम भेजकर मौके पर सत्यापन कराया जाएगा।












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