चकिया ब्लॉक के नसरथा पंचायत में मनरेगा का बड़ा खेल, 191 मजदूर कागजों पर, मौके पर गिने-चुने मजदूर
.फर्जी हाजिरी के जरिए लाखों की निकासी का आरोप।
.एक ही फोटो बार-बार अपलोड कर सरकारी धन की बंदरबांट।
.ग्रामीणों ने उठाई जांच और कार्रवाई की मांग।
चंदौली/चकिया। नसरथा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना का खुला मजाक बनता दिख रहा है। सरकारी कागजों पर 191 मजदूरों की मजदूरी दिखाई जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। मौके पर जांच में कुछ मजदूर तो काम करते दिखे लेकिन भारी संख्या में मजदूरों की उपस्थिति सिर्फ मस्टर रोल तक सीमित है।
ग्रामीणों का आरोप - प्रधान और सचिव की मिलीभगत से हो रहा खेल
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव अपनी जेब भरने के लिए गरीब मजदूरों का हक मार रहे हैं। जो मजदूर रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, उनके नाम पर मस्टर रोल भरा जा रहा है और मजदूरी की रकम बिना काम के निकाली जा रही है।
रोजगार की तलाश में भटक रहे असली मजदूर
नसरथा गांव में बड़ी संख्या में मजदूर ऐसे हैं जिन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि जब वे मनरेगा में काम मांगने जाते हैं तो प्रधान और सचिव बहाना बनाकर टाल देते हैं। वहीं फर्जी नामों के जरिए सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है।
कागजों पर दर्ज 191 मजदूर, जमीन पर मुश्किल से 15-20
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक पंचायत द्वारा कार्यस्थल पर 191 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। लेकिन जब मौके पर मीडियाकर्मी पहुंचे तो वहां मुश्किल से 15-20 मजदूर ही कार्य करते दिखे। इसका सीधा मतलब है कि अधिकांश मजदूर सिर्फ कागजों में ही काम कर रहे हैं।
फर्जी हाजिरी से लाखों की निकासी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत सचिव और प्रधान के मिलीभगत से मस्टर रोल में फर्जी तरीके से हाजिरी भरी जाती है। इसके जरिए बिना काम कराए लाखों रुपये की निकासी कर दी जाती है। जो मजदूर वास्तव में काम करने को तैयार हैं, उन्हें काम नहीं दिया जाता।
काम की तस्वीरें भी गड़बड़, फोटो घुमा-फिराकर अपलोड
जांच में यह भी पाया गया कि कार्यस्थल की तस्वीरों में भी हेराफेरी की जा रही है। कई योजनाओं में एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर खानापूर्ति की जा रही है। इससे योजनाओं की स्थिति सुधारने के बजाय आंकड़ों में काम चल रहा है।
जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी साधे चुप्पी
चकिया ब्लॉक के नसरथा पंचायत में मनरेगा में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बावजूद संबंधित विभाग चुप्पी साधे बैठा है। जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर खानापूर्ति में लगे हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं।
ग्रामीणों की मांग — निष्पक्ष जांच हो
नसरथा के ग्रामीणों ने इस गड़बड़ी पर रोष जताते हुए खंड विकास अधिकारी और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि मौके पर सच्चाई सामने लाई जाए तो मनरेगा में हो रही बड़ी लूट का पर्दाफाश हो सकता है।























No comments:
Post a Comment