नौगढ़ की पूनम का सोनभद्र मेडिकल कॉलेज में हुआ बच्चा चोरी ..... जानिए क्या है पूरा मामला
माँ की ममता को छलनी कर गई पराई औरत,नवजात की किलकारी गूंजने से पहले ही रोते रह गए मां-बाप,
नौगढ़ से सोनभद्र रेफर हुई थी डिलीवरी
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ के पंचायत अमृतपुर निवासी सुदामा प्रजापति के परिवार पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा, जब उनके नवजात संतान जिला अस्पताल रावर्टसगंज (सोनभद्र) से रहस्यमय तरीके से चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है। मामला चार दिन पुराना है, लेकिन अभी तक नवजात का कोई सुराग नहीं मिला है।
जिस मां ने नौ महीने पेट में पालकर अपने बच्चे को जन्म दिया, वह एक झलक तक को तरस रही है। चंदौली जिले के अमृतपुर गांव निवासी सुदामा प्रजापति की पत्नी पूनम ने बीते दिनों जिला अस्पताल रॉबर्ट्सगंज में एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया था। लेकिन किस्मत ने ऐसा क्रूर मजाक किया कि मां की ममता पर किसी पराई औरत की नजर लग गई।
बताया जा रहा है सुदामा अपनी गर्भवती पत्नी पूनम का डिलीवरी के लिए पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में भर्ती कराया था, जहां से चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सुदामा 27 मई को अपनी पत्नी को जिला अस्पताल सोनभद्र ले गया। वहां उसकी पत्नी का सर्जरी के जरिए सुरक्षित प्रसव कर एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। डिलीवरी के चार दिन बाद ही एक अज्ञात महिला का प्रसूता के पास आना जाना शुरू हो गया। उसने स्वयं को एक मरीज का तीमारदार बताते हुए, बच्चों के प्रति जहां अपनापन दिखाने शुरू कर दिया। वही उसकी मालिश करना शुरू कर दिया। बीच-बीच में कुछ देर के लिए गायब रहकर, पूरे वार्ड को लेकर, पास के वार्ड में अपने मरीज को भारती की जाने के भ्रम में डाली रही और मौका देख नवजात को अस्पताल से चुरा ले गई। सीसीटीवी कैमरे में वह साफ-साफ कैद है, लेकिन बावजूद इसके चार दिन बाद भी बच्चा कहां है — इसका जवाब किसी के पास नहीं।
'बस एक बार उसकी शक्ल दिखा दो भगवान...'
बच्चा खोने के बाद मां बार-बार यही बड़बड़ा रही है। अस्पताल के गलियारे उसके आंसुओं से भीग चुके हैं, लेकिन सरकारी मशीनरी की संवेदनाएं अब भी सूखी हुई हैं। पिता सुदामा प्रजापति की आँखों में नींद नहीं, केवल एक बेचैनी है — "मालिक! अब तो बच्चा सही-सलामत मिल जाए, बाकी सब बाद में देखा जाएगा।"
डिलीवरी के बाद नहीं थी कोई सुरक्षा व्यवस्था
डिलीवरी के बाद महिला को वार्ड में रखा गया था, लेकिन वहां सुरक्षा की कोई खास व्यवस्था नहीं थी। न कोई गार्ड, न किसी का पहरा। इसी का फायदा उठाकर एक महिला मासूम को उठाकर चलती बनी।
सीसीटीवी में दिखी परछाईं, मगर पुलिस अब भी हाथ मल रही
सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध महिला की तस्वीर है, पर जांच अब भी अंधेरे में है। सोनभद्र पुलिस का दावा है कि कार्रवाई जारी है, पर चार दिन हो चुके हैं और बच्चे का अब तक कोई सुराग नहीं।
अस्पतालों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
सवाल यह है कि क्या अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ इलाज तक सीमित है? क्या मां की ममता और बच्चे की सुरक्षा उनके दायरे से बाहर है?
एक सवाल सबके लिए — क्या गरीब की गोद से बच्चा यूँ ही चुरता रहेगा? यह केवल एक परिवार की नहीं, समाज की हार है। आज अगर सुदामा प्रजापति का बच्चा गया है, तो कल किसी और की गोद सूनी हो सकती है।



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