चकिया ( मीडिया टाइम्स )। आदर्श नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त चकिया नगर इन दिनों भ्रष्टाचार और
लापरवाही का प्रतीक बनता जा रहा है।
नगर में नाली निर्माण के कार्यों में जिस प्रकार की अनियमितता और घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है, उससे नगरवासियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन द्वारा स्वीकृत लाखों रुपये की लागत से बनाई जा रही नालियों में गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि निर्माण कार्य में बालू, सीमेंट और गिट्टी का अनुपात निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं है। नालियों में इस्तेमाल होने वाले ईंट भी कमजोर और घटिया किस्म के हैं, जो थोड़ी सी बारिश में ही टूटने लगते हैं। निर्माण स्थल पर कोई निगरानी नहीं होती, जिससे ठेकेदार और मजदूर मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं।
नगर निवासी रंजीत कुमार ने बताया, “नाली निर्माण के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। दो महीने पहले बनाई गई नाली जगह-जगह से टूट चुकी है। जब इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई, तो उन्होंने अनसुनी कर दी।”
इसी प्रकार, मोहल्ला निवासी रीता देवी ने कहा, “हमने कई बार नगर पंचायत कार्यालय में जाकर घटिया निर्माण की शिकायत की, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं।”
नगरवासियों का कहना है कि आदर्श नगर पंचायत के नाम पर सरकार द्वारा दी गई योजनाओं का लाभ धरातल पर नहीं दिख रहा है। भ्रष्टाचार, लापरवाही और मिलीभगत से जनता का विश्वास प्रशासन पर से उठता जा रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नगरवासी अब आंदोलन की तैयारी में हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो वे नगर पंचायत कार्यालय का घेराव करेंगे।
चकिया जैसे नगर में भी जब भ्रष्टाचार इस स्तर पर हो, तो यह विकास के लिए खतरे की घंटी है। जनता अब जागरूक हो चुकी है और पारदर्शिता की मांग कर रही है। समय रहते यदि प्रशासन ने स्थिति को नहीं संभाला, तो यह जनआक्रोश बड़ा रूप ले सकता है।



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