मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा बिना लाइसेंस व परमिट के हो रहा मिट्टी का अवैध व्यापार, बोदारा कलां मे बिना फिटनेस के चल रही दर्जनों ट्रैक्टर
वर्तमान समय में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मिट्टी खनन माफियाओं की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं। ये माफिया बिना किसी वैध लाइसेंस या परमिट के खुलेआम ट्रैक्टरों से मिट्टी की खुदाई और बिक्री कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता या मिलीभगत के चलते ये अवैध कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
खनन माफिया नदी के किनारों, खेतों और सरकारी जमीनों से भारी मात्रा में मिट्टी निकालकर उसे ईंट-भट्ठों और निर्माण कार्यों में ऊँचे दामों पर बेच रहे हैं। इन गतिविधियों में नियमों और पर्यावरणीय मानकों की खुलकर अनदेखी की जा रही है। ट्रैक्टरों के ज़रिए बिना किसी निगरानी के लगातार मिट्टी ढोई जा रही है, जिससे क्षेत्र की भू-जल संरचना और भूमि की उर्वरता को नुकसान पहुँच रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत किए जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कुछ मामलों में तो यह भी देखा गया है कि खनन माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे उनके हौसले बुलंद हैं।
यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर तत्काल संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे। साथ ही, मिट्टी खनन के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि पर्यावरण और जन-हित की रक्षा हो सके। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या और भी विकराल रूप धारण कर सकती है।





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