चकिया क्षेत्र के शिकारगंज सेंचुरी में अवैध पत्थर खनन जारी, चंद्रप्रभा रेंजर की भूमिका पर उठे सवाल
चकिया (चंदौली)। चकिया क्षेत्र के शिकारगंज सेंचुरी के अंतर्गत आने वाली विभिन्न पहाड़ियों पर अवैध रूप से हो रहे पत्थर खनन ने वन्य जीवन और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है। सेंचुरी क्षेत्र में जारी यह खनन न केवल वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि जैव विविधता के लिए भी घातक साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शिकारगंज सेंचुरी की पहाड़ियों में दिन-रात पत्थर तोड़े जा रहे हैं। पहाड़ियों को काट कर निकाले जा रहे पत्थरों को ट्रैक्टर और ट्रकों से नजदीकी क्षेत्र और बाहर भेजा जा रहा है। यह सब कुछ चंद्रप्रभा वन रेंज के अंतर्गत आता है, बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही है।
वन विभाग के चंद्रप्रभा रेंजर की निष्क्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रेंजर को बार-बार सूचना देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि विभागीय मिलीभगत के कारण यह अवैध खनन बेरोकटोक जारी है।
वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की गतिविधियाँ सेंचुरी क्षेत्र के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रही हैं। और वन्यजीवों के आश्रय स्थल को नष्ट किया जा रहा है, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन और वन विभाग इस गंभीर मसले पर कोई ठोस कदम उठाएंगे या यह अवैध खनन इसी तरह जारी रहेगा।


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