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Sunday, April 6, 2025

नगर निगम में एक और फर्जी घोटाला,11 करोड़ से ज्यादा के फर्जी LED बल्ब /स्टीट लाइट लगाए गए

चकिया ( मीडिया टाइम्स )। सिंगरोली नगर निगम के इलेक्ट्रिकल शाखा में महज 3-4 सालों में करीब 



10-11 करोड़ का घोटाला नकली कंपनियों के सफलाई से हुआ है। निगम के बिद्दुत शाखा में प्रवीण गोस्वामी का एक क्षत्र राज है, और फ्रॉड संविदाकाकारो का गिरोह तैयार कर रखा है। गोस्वामी जी हर 2-3 महीनें में 50-60 लाख बल्ब का टेण्डर लगाते है और मटेरियल मेक ब्रांडेड डालते है।



उक्त टेण्डर में गोस्वामी जी का गिरोह 50% से ज्यादा बिलो रेट कोड करता है , सफलाई के समय ब्रांड से मिलता जुलता मटेरियल दे कर बिल निकाल लेते है। इस तरह एक पूरा गिरोह काम करता है, सर्वा अधिक सफलाई पवन कांटेक्सन, गुप्ता की  3 फर्म, के के ग्रूप, के साथ और भी कुछ नामी फर्म शामिल है। इलेक्ट्रिकल शाखा में नकली कारोबार का खुलासा विगत 3-4 महीनें पहीले हुआ था।

जब एक सफलायर के भुगतान के फाइल में निगम के एक अधिकारी के पास गई उक्त अधिकारी  ने ब्रांड बल्ब के रेट देखर बल्ब की गुणवत्ता देखने अचानक स्टोर पहुँच गए और बल्ब की सफलाई crompton की जगह Cromptton की कीगई थी। जिसका भुगतान फाइल में नोट लगाते हुए की प्रदाय किया गया बल्ब व सफलाई कीगई बल्ब के कम्पनीय नकली प्रतीत होती है, और भुगतान रोक दिया था। निगम के राजस्व अधिकारी जो लेखा शाखा के लिंक अधिकारी है, उनके द्वारा भुगतान कर दिया गया।

फाइल में लगी आपत्ति को नजर अंदाज कर भुगतान कर गए आयुक्त।

 

निगम सूत्रों की माने तो करीब 4-5 महीनें पहले जब नकली बल्ब की सप्लाई का खुलासा होने के बाउजूद आयुक्त द्वारा जाँच कराने के बजाय उक्त फर्म से 15% कमीशन लेकर भुगतान कर दिया गया। 

सूत्रों की माने तो निगम के कार्यपालन यंत्री भी जाँच करने स्टोर गए थे, लेकिन उसके पहले गोस्वामी द्वारा सारे नकली बल्ब मोरवा व निगम के पीछे मौजूद स्टोर के आलावा अन्य रूम में रखवा दिया गया था व 4-5 पेटी ओरिजनल कंपनी का बल्ब जाँच करा दिया गया। क्युकी आयुक्त के अति करीबी गोस्वामी जी माने जाते है। इसलिए आयुक्त गोस्वामी के हर फर्जी वाड़े पर पर्दा डालते है, और ख़ुद उसमें हिस्से दार बन जाते है।

बिना स्टोर प्रभारी के करीब 1करोड़ से ज्यादा का बल्ब खरीदी खरीदी होगई है,जिसके गुणवत्ता पे सवाल खड़े होरहे है स्टोर प्रभारी के नाम 5% व कमिश्नर के नाम 10% कमीशन लें रहे है।

जिसने बनाया बिल वो कैसे करेगा नकली बल्ब की जाँच.. ?

अब इलेक्ट्रिकल शाखा में जिन इंजीनियर ने बिल बनाया उसी को आयुक्त ने जाँच सौप दी है। परिषद के सामने जिस तरह पार्षदों ने नकली बल्ब का पैकट लाकर रखा उसे परिषद को गंभीरता से लेना चाहिए, और एक निष्पक्ष जाँच कमेटी बनाकर इसकी जाँच करानी चाहिए दावे के साथ कह सकता हु 10 करोड़ से ज्यादा का घोटाला निकलेगा।

गोस्वामी के घोटाले वार्ड के बिभिन्न गलियों में लाइटिंग का काम अब वार्ड की बिभिन्न गलियों को ढूढ़ लो, बिल निकल गया।

इस फर्जी वाड़े में महापौर भी शामिल.. ?


जिस तरह गोस्वामी जी एक -एक वार्ड के नाम 50-50 लाख का LED बल्ब की खरीदी की है इसके लिए वकायदा महापौर ने भी नोटशीट लिख दिया की इसीतरह का कार्य सभी वार्डो में कराया जाए मतलब गोस्वामी के साथ महापौर भी मिली हुई है।

वार्ड 39 के पार्षद अनुष्का अमित यादव के प्रश्न से मचा बबाल।

वार्ड 39 के पार्षद द्वारा परिषद में सवाल लगाया था की मार्च 2024 से आज दिनांक तक स्टोर का प्रभारी कौन है, और इस दौरान स्टोर में क्या -क्या खरीदी हुआ है, जिसके जबाब में निगम द्वारा बताया गया की स्टोर का प्रभारी, SDO कोई नहीं है सिर्फ एक इंजीनयर जितेंद्र है, और 8000 बल्ब पवन कंटेक्शन से और 4000, बिन्द कुशवाहा से खरीदा गया।

क्या पूरा परिषद पैसे में मैनेज होगा.. ?

नकली बल्ब खरीदी का खुलासा होने के बाद गोस्वामी जी पार्षदों को मैनेज करने में लग गए है आयुक्त द्वारा बनाई गई जाँच टीम को देर रात घर में बुलाकर बल्ब चेन्ज करने, पार्षद की बल्ब न दिखाने मोरवा स्टोर में पड़े बल्ब को हटाने, का निर्देश देरहे थे सूत्रों की माने तो इस मामले में जाँच टीम को आयुक्त भी चमका चुके है। अब आगे देखना है पूरा परिषद मैनेज होता है या एक निष्पक्ष कमेटी बनवाकर गोस्वामी जी के विभिन्न गलियों में  लाइटिंग, बल्ब खरीदी की जाँच करवाएंगे.. ?

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