चकिया ( मीडिया टाइम्स )। चन्दौली- रोजा संस्थान के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के
समापन समारोह का आयोजन विकास खंड चकिया के सिकंदरपुर में आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग सदस्या श्रीमती नीलम प्रभात मुख्य अतिथि रहीं। प्रभात ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए किशोरी बालिकाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक अवसर सृजित करना होगा। जिससे किशोरी बालिकायें उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने सपनो को प्राप्त करने के हेतु सही दिशा में प्रयास कर सके। इसके लिये हर एक शिक्षण संस्थाओं को कैरियर निर्माण प्रारम्भिक दौर से ही करना चाहियें।
समाजसेवी संस्था के मुख्य कार्यकारी ने महिला सषक्तिकरण की दिषा में रोजा संस्था द्वारा चकिया विकास खण्ड में किये जा रहे प्रयासो को प्रस्तुत करते हुये बताया कि संस्था ने एक वर्ष में लगभग 80046 किषोरी बालिकाओं और महिलाओं को सहायता प्रदान किया है ताकि वे अपनी सहायता स्वयं से करने में सक्षम हो सके और आगामी वर्षों में न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार, समाज और देष हित में भी कार्य कुशलता के साथ कर सके। संस्था ने महिलाओं के सषक्तिकरण हेतु सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्राप्त करने में सहायता, आजीविका प्रारम्भ करने में सहायता, महिला साक्षरता, स्वास्थ्य एवं पोशण प्रेरक कौशल विकास, पशु सखी कौशल विकास, किषोरी समूह के माध्यम से साझा प्रयास के अवसर, प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु बुक बैंक की सुविधा, स्कालरसीप अवसरो से जुड़ाव, कैरियर मार्गदर्षन प्रषिक्षण, एनिमिया से मुक्ति, निःषुल्क कोचिंग सुविधा, निःषुल्क कम्पूयटर प्रषिक्षण सुविधा, नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कुपोशण से मुक्ति हेतु पोषक आहार सेवा, चैम्पियन बालिका कौशल विकास प्रषिक्षण, जीवन कौशल प्रषिक्षण और रोजगार प्रदान किया है।
इस कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी किषन वर्मा, मनोज गौतम जिला कार्यकम , ग्राम विकास अधिकारी सजीव सिंह, सब इस्पेक्टर खुषबू यादव, ग्राम प्रधान सीमा गुप्ता, ममता यादव, ललिता जी, प्रधानाचार्य वन्दना खरवार, अध्यापिका सुग्रावती, अनुराधा, रोजा संस्था के मुस्ताक अहमद, पंकज रमन, अर्पित श्रीवास्तव, शिव कुमार, रिशभ पाण्डेय, षाषांक जैसवाल, प्रीति जैसवाल के साथ सैकड़ो किषोरी बालिकाओं और महिलाओं ने भागीदारी किया। माननीय सदस्य महिला आयोग नीलम प्रभात जी ने नारे के साथ शुरुआत की उन्होंने कहा कि महिला ने की कमाल, चूल्हे से पहुंची चौपाल।
साथ ही उन्होंने रोजा़ संस्थान व संस्था के संस्थापक मुस्ताक अहमद जी को अपने सपनों का सहोदर बताया उन्होंने बताया कि हमारे देश में गार्गी मित्र ही अनुमति जैसी महिलाएं होने के बावजूद माता सीता को अपनी परीक्षा वह मीरा को जहर का प्याला पीना पड़ा नारियों की तपस्या व पवित्रता की मूर्ति होने के बावजूद उन्हें घर के चार दिवारी में रहना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं को यदि अवसर मिले तो वह गार्गी मैत्रीही जैसी बन सकती हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास के बारे में भी बताया कि 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है उन्होंने रोज संस्थान के कार्यों की सराहना की वह कामयाब महिलाओं की कोरिया को संस्थान का स्मृति किसने देकर सम्मानित किया तथा अंत में जय देश जय राष्ट्र जय नारी शक्ति के साथ अपनी वाणी को विराम दी।




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