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Wednesday, March 26, 2025

चैत्र नवरात्रि में शेर पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा, बने हैं ये दुर्लभ योग, जानें महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

चकिया ( मीडिया टाइम्स )। चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को खत्म होगी। 



यानी कि नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च को होगी और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि का आरंभ इस बार रविवार से होगा,ऐसा माना जाता है कि मॉं दुर्गा का यह रूप भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं और इस वक्त घटस्थापना बहुत शुभ फल देने वाली मानी जाती है। मां दुर्गा की कृपा से आपके सभी कार्य बिना किसी रुकावट के पूर्ण होंगे। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है। नवरात्रि पर इस बार कौन से शुभसंयोग बन रहे हैं,


आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं, साथ ही देखते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।


चैत्र नवरात्रि की तिथि कब से कब तक

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना 29 मार्च को होगी। इस बार मां जगदंबे की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। 29 मार्च को शाम 4 बजकर 32 मिनट पर प्रतिपदा तिथि शुरू हो रही है और यह तिथि 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इसका मतलब है कि पूजा का शुभ समय 29 मार्च की शाम से शुरू हो जाएगा जो 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसलिए भक्त 30 मार्च की दोपहर तक कलश स्थापना कर सकते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।


चैत्र नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग का संयोग ।


चैत्र नवरात्रि में रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। खास बात यह है कि महापर्व के दौरान चार दिन रवि योग तथा तीन दिन सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग रहेगा। यानी, ये पूरा समय पूजा-पाठ और शुभ कामों के लिए अच्छा है। रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग दोनों ही ज्योतिष में बहुत शुभ माने जाते हैं। इन योगों में किए गए सभी काम सफल होते हैं।

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी ।

इस बार चैत्र नवरात्रि रविवार को मां दुर्गा शेर पर सवार होकर धरती पर आएंगी। ज्योतिष शास्त्रों में यह घड़ी बहुत शुभ मानी जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों के धन में बढ़ोतरी होगी देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होगी। मां दुर्गा शेर पर सवार होकर आएंगी और 7 अप्रैल को शेर पर सवार होकर ही वापस जाएंगी।

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

उदया तिथि के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च को है यानी कि घट स्थापना इसी दिन होगी। कलश स्थापना के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक है।

 इसके अलावा, दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त भी है। इन दोनों मुहूर्तों में कलश स्थापना करना मनोचित फल प्रदान करने वाला माना जाता है और आपको मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

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