चकिया/चंदौली। लोक मीडिया । यूएनएफपीए, आरईसी फाउंडेशन, कम्युटिनी -द यूथ कलेक्टिव और यह एक सोच फाउंडेशन अपने साथी संस्थाओं के साथ ‘बी ए जागरिक’ प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में कार्य कर रहे हैं। जिसके अंतर्गत रविवार को चकिया क्षेत्र के बुद्ध विहार में युवाओं के साथ जमघट का आयोजन किया गया।
जिसमें ग्राम्या संस्थान की निदेशक बिन्दु सिंह ने पिछले बैठकों व कार्यो की समीक्षा की मीटिंग में जागरिको द्वारा जो कार्यक्रम तय किया गया था। जिसपर जागरिको द्वारा सभी कार्यों को साझा किया गया।
इसी क्रम में नीतू सिंह ने कहा कि इन युवाओं की शक्ति को पोषण और पोषित करने और उन्हें इस क्षमता को महसूस करने में सक्षम करने की जरूरत इससे पहले कभी नहीं रही, जितनी आज महामारी की चपेट में आई बदलती दुनिया में महसूस हो रही है। युवा इन परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। समान रूप से महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके पास अपने और अपने समुदायों के लिए बेहतर जीवन विकल्पों तक पहुंचने का आदर्शवाद, ऊर्जा और संसाधन भी मौजूद है। आज, युवाओं के बीच नेतृत्व का निर्माण करने के उद्देश्य से ‘जागरुक नागरिक बनिए’ का दूसरा चरण एक पहल है। जो सही अर्थों में उन्हें जबरदस्त जागरुक (शाब्दिक रूप से जागृत, जागरुक और सक्रिय नागरिक) बनने के लिए सक्षम बनाता है। वर्तमान समय में जो बालक बालिका एवं महिला पुरुष में गैर बराबरी है लड़कियों को उचित पोषण व शिक्षा नहीं मिल पा रहा है। प्रजनन स्वास्थ्य की सेवाएं उचित रूप से नहीं मिल पा रही है, इसके लिए सभी जागरिक को आगे आकर जागरूक होना पड़ेगा। ग्राम्या संस्थान से सुरेन्द्र ने बताया कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए हर स्कूल पर खुली बैठक के माध्यम से विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जाना है । लेकिन ये समितियां भी पारदर्शी तरीके से नहीं बन पाई है गांव के युवाओं को जागरूक एवं सक्रिय करने के लिये क्षेत्र क बोदलपुर, करवदिया गनेशपुर शिकारगंज हेतिमपुर बलिया सहित 10 गांव मे जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रत्येक युवा को जागृत बनाने और प्रत्येक क्षेत्र में जागरुकता बढ़ाने में सक्षम बनाना है। इन युवाओं के साथ बालिका शिक्षा, माहवारी, जेडरगत भेदभाव एवं स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति जागरूक किया गया एवं गांव में कार्य करने हेतु प्लानिंग की गई।


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