केंद्र और राज्य की सरकारें जहां एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत प्रदेश के समस्त गांव को स्वच्छ बनाने के लिए तमाम योजनाओं को धरातल पर लाने का प्रयास कर रही है लेकिन कुछ लापरवाह नौकरशाहों तथा जनप्रतिनिधियों के वजह से यह मिशन धरातल पर आने से कोसों दूर है। इसका कुछ नज़ारा इलिया बाजार में बने मेन रोड के दोनों तरफ बनी नालियां जिसको ग्रामवासियों को बनवाने के लिए सड़क पर उतरना पड़ा था उसका कार्य डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक अधूरा ही है। जहां तक नाली का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है वो ढंका नही है जिसकी सफाई न होने से वो जाम हो चुका है। अगर सड़क के दोनों तरफ बनी नालियों की सफाई हर वर्ष बरसात के पहले ही साफ हो जाए तो इतनी समस्या नहीं आएगी लेकिन इस कार्य की जिम्मेदारी जिनको दी गयी है वो तब तक सोते रहेंगे जब तक गांव एक और संक्रामक बीमारी के चपेट में न आ जाये।
गांव के समाजसेवी इकलाख जिद्दी ने बताया कि उनके अगुवाई में ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम करके इन नालियों का निर्माण कराने के लिए शासन को बाध्य किया गया था लेकिन धीमी निर्माण प्रक्रिया के वजह से अभी तक निर्माण का कार्य अधूरा ही है तथा अभी तक नाली की सफाई का कार्य भी इस वर्ष नहीं हो पाने से नाली पूरी तरह जाम हो चुका है। अगर एक दो दिन में इसकी सफाई का कार्य नहीं कराया गया तो हमलोग फिर एक बार आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


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