योगी सरकार में भयावह होती बेकारी से निपटने का नीतिगत समाधान नहीं : अजय राय - Media Times

Breaking News

 नमस्कार   मीडिया टाइम्स में आपका स्वागत है Media Times

ad

 


Saturday, June 13, 2020

योगी सरकार में भयावह होती बेकारी से निपटने का नीतिगत समाधान नहीं : अजय राय

रोजगार सृजन के मोर्चा पर सरकार फेल, 

चकिया / उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में बेकारी के भयावह होने पर कोई नीतिगत समाधान का अभाव है यह सरकार रोजगार के मोर्चा पर फेल सरकार हैं उक्त बातें आज स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने कहा 
उन्होंने कहा कि मोदी जी योगी जी सरकार की यह महत्वपूर्ण उपलब्धि यह भी हैं कि  इनके कार्यकाल में बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रफ्तार में बढ़ी हैं और आजादी के बाद रिकॉर्ड स्तर पर बेरोजगारी बढ़ी हैं! उत्तर प्रदेश में निवेश, रोजगार सृजन और सरकारी नौकरी देने का प्रोपेगेंडा तो खूब किया लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हैं भाजपा ने अपने चुनावी वादे में  प्रमुख वादा यह किया था कि 70 लाख रोजगार का सृजन किया जायेगा, सरकारी विभागों में खाली समस्त पदों को 90 दिनों के अंदर चयन प्रक्रिया शुरू कर उन्हें भरा जायेगा, चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार दूर किया जायेगा और इसे पारदर्शी बनाया जायेगा। 
      भले ही सरकार यह दावा करे कि रोजगार सृजन प्रदेश में भारी पैमाने पर हुआ है प्रदेश में इंवेस्टर्स मीट  का क्या हश्र हुआ है, बेहद कम निवेश अभी तक हुआ है,  दरअसल प्रोपैगेंडा के सिवाय रोजगार सृजन के सवाल पर इस सरकार की योजनाएं ऐसी दिखाई नहीं दे रही हैं जिन पर विचार किया जा सके। 
            उत्तर प्रदेश  व  केंद्र सरकार द्वारा जो दशकों से खाली पद हैं क्या उन्हें भरने की नीति ली गई है, आखिर बेकारी के इस भयावह दौर में 24 लाख से ज्यादा खाली पदों (सृजित)को भरने में अवरोध क्या है। 
             योगी सरकार अपने प्रोपैगैंडा में दावा करती है कि प्रदेश में पारदर्शी चयन प्रक्रिया बहाल किया है और पिछली सरकार के भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की नीति के विपरीत जीरो टालरेंस की नीति पर सरकार अमल कर रही है और सरकारी नौकरी देने के अपने वादे को तेजी से पूरा कर रही है। लेकिन इसकी सच्चाई क्या है,  योगी सरकार ने पहला साल तो आयोगों के पुनर्गठन में लगा दिया, पारदर्शी बनाने के लिए इसे जरूरी बताया गया। पारदर्शिता तो पुनर्बहाल नहीं हुई लेकिन अपने चहेते, प्रशासनिक तौर पर अक्षम, भ्रष्ट लोगों की नियुक्ति से जाने-अनजाने पैदा किये गए विवादों, मामलों के न्यायिक प्रक्रिया में उलझने से जो चयन प्रक्रिया चल भी रही थी वह भी बेपटरी हो गई। पेपर लीक, धांधली, प्रश्न पत्रों के विवाद से लेकर एक के बाद एक विवादों की अंतहीन श्रंखला बन गई  जिसके समाधान की प्रदेश सरकार की न तो कोई नीति है और न ही ऐसा करने को वह इच्छुक ही प्रतीत होती है। 
            यही नहीं जो शिक्षक भर्ती एवं कुछ अन्य भर्तियों की जो प्रक्रिया पिछली सरकार में शुरू हुई थी उनमें भी जानबूझकर पैदा किये गए अनगिनत विवादों, भ्रष्टाचार से न्यायिक प्रक्रिया में उलझ कर रह गए हैं, एक मामला सुलझता नहीं है कि दूसरा विवाद आ जाता है, अखिलेश सरकार में भ्रष्टाचार और विवाद के मामलों में कोई मुकम्मल नीति नहीं बनाई गयी थी   लेकिन योगी सरकार  भी अखिलेश सरकार से भी आगे निकल गई जिसका खामियाजा प्रदेश का युवा भुगत रहा है। 
         
            उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के बारे में भी सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे,   आज बेकारी का सवाल युवाओं के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बना हुआ है, उसको सरकार हल करे। कोरोना काल में जनसम्पर्क में निकले भाजपा कार्यकर्ताओं व सरकार के नुमाइंदे को इस सवालों पर जबाब देना चाहिए!

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad