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Sunday, December 8, 2024

किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान विकास मंच ने उठाई आवाज

चकिया ( मीडिया टाइम्स )। चंदौली किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध सिंह ने नहरों और 

माइनरों की सिल्ट सफाई के रोस्टर और डीएपी खाद की किल्लत को लेकर सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते हजारों एकड़ जमीन बुवाई के लिए तैयार नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।  

राम अवध सिंह ने कहा कि 2017 से पहले नहरों और माइनरों की सफाई दिसंबर के अंत या जनवरी में होती थी। उस समय, किसान अपनी फसल की बुवाई के लिए पानी का उपयोग कर लेते थे। लेकिन 2017 के बाद से सरकार ने सिल्ट सफाई का समय नवंबर-दिसंबर तय कर दिया है। 

इस वजह से नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है और गेहूं के जमाव के लिए हल्की सिंचाई भी संभव नहीं हो पा रही है। तेज हवाओं के कारण खेतों की मिट्टी उखड़ जाती है और बिना पानी के जमाव संभव नहीं है। कर्मनाशा सिस्टम के बांधों में पानी तो है, लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा," उन्होंने कहा। डीएपी खाद की उपलब्धता पर भी सवाल उठाते हुए राम अवध सिंह ने कहा कि किसानों को ब्लैक मार्केट में 1600 रुपये प्रति बोरी की दर से खाद खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा, कई किसानों को दूर-दराज से खाद लाने के लिए 55-60 रुपये प्रति बोरी का अतिरिक्त भाड़ा भी देना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि भुड़कुड़ा, बटौवा, खिलची, घोड़सारी, डड़िया, कवलपुरबां, अमांव, मसोईं, रोहाठी, जिगिना समेत कई गांवों की हजारों एकड़ जमीन सूखी पड़ी है। 

उन्होंने दावा किया कि ऐसे खेतों में मात्र 10% फसल का जमाव भी संभव नहीं है। किसान विकास मंच ने इन हालातों को खेती के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा, "सरकार ने गैर-व्यावहारिक रोस्टर लागू किया है। किसान खेती और बेटी को समान मानता है और किसी भी कीमत पर इस खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा। राम अवध सिंह ने बताया कि किसान विकास मंच जल्द ही जिलाधिकारी को आवेदन सौंपेगा और जिला किसान दिवस पर कलेक्ट्रेट में घेराव करेगा। साथ ही, जनप्रतिनिधियों और विधायकों से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की जाएगी। 

उन्होंने कहा, यह लड़ाई किसानों के हक और सम्मान की है। जब तक सरकार अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।किसान विकास मंच ने मांग की है कि सिल्ट सफाई का रोस्टर बदलकर जनवरी में किया जाए और डीएपी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी से इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है।

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