लोकपति सिंह (जिला संवाददाता)
इलिया। सैदूपुर से खोजापुर होते हुए दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग के टूट जाने से आवागमन बुरी तरह बाधित हो गया है। जानकारी के बाद भी लोक निर्माण विभाग मार्ग मरम्मत के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। जिससे क्षेत्रीय जनों में आक्रोश गहराता जा रहा है।
उक्त मार्ग खोजापुर रामशाला, बेलावर, उसरी, शाहपुर, सुल्तानपुर, अर्जी, ईसापुर, घुरहूपुर सहित दर्जनों गांव को जोड़ता है। जिस पर आये दिन भारी संख्या में लोगों का आवागमन होता रहता है। मार्ग निर्माण हुए एक दशक से ज्यादा समय व्यतीत हो चुका है। बावजूद आज तक पुलिया का निर्माण नहीं किया गया। जिससे बारिश के दिनों में खेतों में पानी भर जाने से फसल के गलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। जिसके बचाव हेतु ग्रामीणों ने वर्षों पूर्व मार्ग को काटकर पानी निकासी की व्यवस्था कर फसल बचाने में कामयाबी दिखाई थी। मगर उसी वक्त से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना के बाद भी सिंचाई विभाग व लोक निर्माण विभाग में मार्ग मरम्मत के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई, तो किसानों ने अस्थाई पुलिया लगाकर पानी की निकासी का व्यवस्था किया। पुलिया के ऊपर कटे हुए सड़क के बीच में मिट्टी की भराई करके आवागमन चालू किए जाने का व्यवस्था किया गया। मगर बरसात शुरू होते ही पानी का दबाव पाकर मिट्टी बह गयी। और सड़क पर काफी दूर तक कटान बन गया। जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। किसान राजेंद्र प्रसाद, प्रमोद कुमार, शिव प्रसाद, भोलानाथ, श्रवण कुमार, राजेश आदि का कहना है कि सिंचाई विभाग व लोक निर्माण मार्ग निर्माण कराने की व्यवस्था शीघ्र नहीं करता है तो वह आंदोलन करने को विवश होंगे।
इलिया। सैदूपुर से खोजापुर होते हुए दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग के टूट जाने से आवागमन बुरी तरह बाधित हो गया है। जानकारी के बाद भी लोक निर्माण विभाग मार्ग मरम्मत के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। जिससे क्षेत्रीय जनों में आक्रोश गहराता जा रहा है।
उक्त मार्ग खोजापुर रामशाला, बेलावर, उसरी, शाहपुर, सुल्तानपुर, अर्जी, ईसापुर, घुरहूपुर सहित दर्जनों गांव को जोड़ता है। जिस पर आये दिन भारी संख्या में लोगों का आवागमन होता रहता है। मार्ग निर्माण हुए एक दशक से ज्यादा समय व्यतीत हो चुका है। बावजूद आज तक पुलिया का निर्माण नहीं किया गया। जिससे बारिश के दिनों में खेतों में पानी भर जाने से फसल के गलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। जिसके बचाव हेतु ग्रामीणों ने वर्षों पूर्व मार्ग को काटकर पानी निकासी की व्यवस्था कर फसल बचाने में कामयाबी दिखाई थी। मगर उसी वक्त से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना के बाद भी सिंचाई विभाग व लोक निर्माण विभाग में मार्ग मरम्मत के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई, तो किसानों ने अस्थाई पुलिया लगाकर पानी की निकासी का व्यवस्था किया। पुलिया के ऊपर कटे हुए सड़क के बीच में मिट्टी की भराई करके आवागमन चालू किए जाने का व्यवस्था किया गया। मगर बरसात शुरू होते ही पानी का दबाव पाकर मिट्टी बह गयी। और सड़क पर काफी दूर तक कटान बन गया। जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। किसान राजेंद्र प्रसाद, प्रमोद कुमार, शिव प्रसाद, भोलानाथ, श्रवण कुमार, राजेश आदि का कहना है कि सिंचाई विभाग व लोक निर्माण मार्ग निर्माण कराने की व्यवस्था शीघ्र नहीं करता है तो वह आंदोलन करने को विवश होंगे।



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