सत्येंद्र कुमार (संवाददाता)
25 जुलाई 2017 को समायोजन रद्द होने के उपरान्त शिक्षा मित्रों ने लगातार आत्महत्या जैसे दिल दहला देने वाले कदम उठाए जिससे अब तक लगभग 2500 के आसपास शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं।इसलिए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है तब से हर 25 जुलाई को शिक्षा मित्र संघ अपने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।इसी के क्रम में जनपद के प्रत्येक शिक्षा मित्र अपने-अपने घरों में मोमबत्तियां जलाकर मृतक शिक्षा मित्रों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किए।
दरअसल परिषदीय स्कूलों में लम्बे वर्षों से कार्य कर रहे शिक्षा मित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर हुआ था जिसे कुछ अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में समायोजन के विरुद्ध याचिका दाखिल किया।सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने 2015 में इस प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए समायोजन रद्द कर दिया था।मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय की दहलीज पर पहुंचा लेकिन वहां भी शिक्षा मित्रों को हताशा व निराशा ही हाथ लगी।सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने 25 जुलाई 2017 को समायोजन रद्द करते हुए कुछ राहत भी दिया जिसमें सरकार को आगामी दो शिक्षक भर्तियों में शिक्षा मित्रों के अनुभवों को तरजीह देते हुए उचित भारांक और उम्र में छूट देने का निर्णय किया।माननीय उच्च न्यायालय व माननीय सर्वोच्च न्यायालय से समायोजन रद्द होने के उपरान्त से ही कई शिक्षा मित्रों ने काल के गाल समाते गए और यह सिलसिला लगातार चलता रहा जो अब भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है।इस बारे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के वाराणसी मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि हम लोग लगभग 20 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में सेवा दे रहें हैं।इस दौरान हमने अपना सारा समय इसी विभाग में ही व्यतीत कर दिया और हम लोगों की उम्र भी 50 के ऊपर हो चुकी है कई ऐसे शिक्षा मित्र 55 वर्ष से अधिक की आयु पूरी कर चुके हैं।आगे उन्होंने बताया कि इस उम्र के पड़ाव पर घर की तमात जिम्मेदारियां हैं जैसे अपने माता पिता की दवाईयों का खर्च,बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च व अन्य तमाम जरूरतों को इसी अल्प मानदेय में ही पूरी करनी होती है। जो शिक्षा मित्र इस अल्प मानदेय में अपना व अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाते व मजबूरन अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं।हमारे साथी दिन प्रतिदिन जिन्दगी से हारते जा रहे हैं और आत्महत्या जैसे दिल को दहला देने वाले कदम उठाने पर मजबूर हैं।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के वर्तमान जिला प्रभारी राजेश शास्त्री का कहना है कि 25 जुलाई को हम लोगों का समायोजन रद्द हुआ तब से हम लोग इसे काला दिवस के रूप में मनाते हैं और अपने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन करते हैं चूंकि इस समय वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है इसलिए इस बार हम लोग अपने-अपने घर पर ही मोमबत्ती जलाकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
बता दें कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में महज 2250 रुपए प्रतिमाह के अल्प मानदेय पर शिक्षा मित्र की नियुक्ति उस समय हुई थी जब शिक्षकों की कमी हुआ करती थी।
धीरे-धीरे समय व्यतीत हुआ सरकार को इस शिक्षा मित्र योजना से काफी हद तक फायदा हुआ तभी शिक्षा मित्र की नियुक्तियों में तेजी आई और सरकार द्वारा प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों में पद के अनुरूप दो-दो शिक्षा मित्रों की नियुक्ति मेरिट के हिसाब से होने लगी।सरकार बदलती गयी और स्नातक शिक्षा मित्रों को बीटीसी का प्रशिक्षण दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दिया गया।इसके उपरान्त समायोजन हुआ लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण माननीय न्यायालय द्वारा समायोजन रद्द कर दिया गया था।
जनपद चन्दौली के शिक्षा मित्रों को समय से नहीं मिलता है मानदेय
आगे शिक्षा मित्र संघ के मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह व जिला प्रभारी राजेश शास्त्री द्वारा यह बताया गया कि जनपद चन्दौली में सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1227 शिक्षा मित्र कार्यरत हैं लेकिन विगत वर्षों से कार्यरत शिक्षा मित्रों के सापेक्ष विभाग से कम बजट आहरित होता आ रहा है जिस कारण मार्च 2018 व अप्रैल 2020 से लेकर अब तक का मानदेय अप्राप्त है।इस मानदेय अनियमित के कारण जनपद का शिक्षा मित्र भुखमरी के कगार पर खड़ा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस मानदेय अनियमित जैसी गम्भीर समस्या के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी कार्यवाही गतिमान है और आपकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
25 जुलाई 2017 को समायोजन रद्द होने के उपरान्त शिक्षा मित्रों ने लगातार आत्महत्या जैसे दिल दहला देने वाले कदम उठाए जिससे अब तक लगभग 2500 के आसपास शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं।इसलिए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है तब से हर 25 जुलाई को शिक्षा मित्र संघ अपने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।इसी के क्रम में जनपद के प्रत्येक शिक्षा मित्र अपने-अपने घरों में मोमबत्तियां जलाकर मृतक शिक्षा मित्रों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किए।
दरअसल परिषदीय स्कूलों में लम्बे वर्षों से कार्य कर रहे शिक्षा मित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर हुआ था जिसे कुछ अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में समायोजन के विरुद्ध याचिका दाखिल किया।सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने 2015 में इस प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए समायोजन रद्द कर दिया था।मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय की दहलीज पर पहुंचा लेकिन वहां भी शिक्षा मित्रों को हताशा व निराशा ही हाथ लगी।सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने 25 जुलाई 2017 को समायोजन रद्द करते हुए कुछ राहत भी दिया जिसमें सरकार को आगामी दो शिक्षक भर्तियों में शिक्षा मित्रों के अनुभवों को तरजीह देते हुए उचित भारांक और उम्र में छूट देने का निर्णय किया।माननीय उच्च न्यायालय व माननीय सर्वोच्च न्यायालय से समायोजन रद्द होने के उपरान्त से ही कई शिक्षा मित्रों ने काल के गाल समाते गए और यह सिलसिला लगातार चलता रहा जो अब भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है।इस बारे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के वाराणसी मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि हम लोग लगभग 20 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में सेवा दे रहें हैं।इस दौरान हमने अपना सारा समय इसी विभाग में ही व्यतीत कर दिया और हम लोगों की उम्र भी 50 के ऊपर हो चुकी है कई ऐसे शिक्षा मित्र 55 वर्ष से अधिक की आयु पूरी कर चुके हैं।आगे उन्होंने बताया कि इस उम्र के पड़ाव पर घर की तमात जिम्मेदारियां हैं जैसे अपने माता पिता की दवाईयों का खर्च,बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च व अन्य तमाम जरूरतों को इसी अल्प मानदेय में ही पूरी करनी होती है। जो शिक्षा मित्र इस अल्प मानदेय में अपना व अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाते व मजबूरन अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं।हमारे साथी दिन प्रतिदिन जिन्दगी से हारते जा रहे हैं और आत्महत्या जैसे दिल को दहला देने वाले कदम उठाने पर मजबूर हैं।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के वर्तमान जिला प्रभारी राजेश शास्त्री का कहना है कि 25 जुलाई को हम लोगों का समायोजन रद्द हुआ तब से हम लोग इसे काला दिवस के रूप में मनाते हैं और अपने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन करते हैं चूंकि इस समय वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है इसलिए इस बार हम लोग अपने-अपने घर पर ही मोमबत्ती जलाकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
बता दें कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में महज 2250 रुपए प्रतिमाह के अल्प मानदेय पर शिक्षा मित्र की नियुक्ति उस समय हुई थी जब शिक्षकों की कमी हुआ करती थी।
धीरे-धीरे समय व्यतीत हुआ सरकार को इस शिक्षा मित्र योजना से काफी हद तक फायदा हुआ तभी शिक्षा मित्र की नियुक्तियों में तेजी आई और सरकार द्वारा प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों में पद के अनुरूप दो-दो शिक्षा मित्रों की नियुक्ति मेरिट के हिसाब से होने लगी।सरकार बदलती गयी और स्नातक शिक्षा मित्रों को बीटीसी का प्रशिक्षण दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दिया गया।इसके उपरान्त समायोजन हुआ लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण माननीय न्यायालय द्वारा समायोजन रद्द कर दिया गया था।
जनपद चन्दौली के शिक्षा मित्रों को समय से नहीं मिलता है मानदेय
आगे शिक्षा मित्र संघ के मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह व जिला प्रभारी राजेश शास्त्री द्वारा यह बताया गया कि जनपद चन्दौली में सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1227 शिक्षा मित्र कार्यरत हैं लेकिन विगत वर्षों से कार्यरत शिक्षा मित्रों के सापेक्ष विभाग से कम बजट आहरित होता आ रहा है जिस कारण मार्च 2018 व अप्रैल 2020 से लेकर अब तक का मानदेय अप्राप्त है।इस मानदेय अनियमित के कारण जनपद का शिक्षा मित्र भुखमरी के कगार पर खड़ा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस मानदेय अनियमित जैसी गम्भीर समस्या के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी कार्यवाही गतिमान है और आपकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।



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