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Friday, June 12, 2020

सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी चालू न करना और गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज की व्यवस्था न करना समझ से परे : अजय राय

सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी खोलने की उठायी मांग

चन्दौली, भाजपा सरकार कोरोना महामारी के समय हर मोर्चा पर असफल होने के बाद भी जनसम्पर्क अभियान के द्वारा अपनी सरकार की उपलब्धी बताने के लिए जनता के बीच सम्पर्क  अभियान में उतरी हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है मात्र अभी एक क्षेत्र स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति का आंकलन करें तो यह सरकार उसमें भी पुरी तरह से फेल हैं उक्त बातें आज चकिया में सरकार की विफलताओं का पर्दाफाश अभियान चलाते हुए स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने कहा! 
उन्होंने कहा कि  कोरोना महामारी के समय इस सरकार की सबसे क्रुरता बाला चेहरा  उभर कर सामने आया हैं कोविड महामारी से निपटने के लिए तैयारियां सबसे खराब हैं अगर स्वास्थ्य क्षेत्र में तैयारियां पर बात करें तो सरकार का दाबा चाहें जो कुछ हो लेकिन जमीनी हकीकत पेश सरकारी आंकड़ों के विपरीत हैं प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 4442 अस्पताल और 39104 बेड, शहरी क्षेत्र में 193 अस्पताल व 37156 बेड उपलब्ध है( मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर के 31 मार्च2017 के डेटाअनुसार) इस तरह उत्तर प्रदेश में 2904 आबादी पर एक बेड उपलब्ध हैं! प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर सामान्य परिस्थितियों में भी ठीक नहीं है! आज गंभीर बिमारियों के लिए कोविड-19 महामारी के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद हैं नतीजा  इन बिमारियों से लोग की मौत हो रहीं हैं बिमारियों से ग्रस्त लोग की मौत हो रही हैं ताज्जुब तब आप करेंगें जब कोविड -19 के खतरे की आशंका के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी में 2020-21 के पारित बजट में गत वर्ष के सापेक्ष मामूली बढ़त कर 5•3 फिसदी से 5•5 फीसद किया (जिसमें हेल्थ व फैमली दोनों शामिल हैं! कोविड महामारी से निपटने लिए अतिरिक्त बजट सरकार ने नहीं दिया नतीजा चिकित्सक, हेल्थ वर्कर्स, वेंटिलेटर, सेनीटाईजर, मशीन से लेकर और गुणवत्ता युक्त पीपीआई किट की कमी रहीं हैं! चन्दौली जनपद में भी  स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुविधाओं का घोर अभाव हैं पहले यहाँ कोरोना महामारी से पिडित की जांच की सुविधाएं का अभाव हैं मात्र सरकारी अस्पतालों तीन वेंटिलेटर तथा कुछ आइसोलेशन वार्ड व कोरोना वार्ड हैं जिसमें भी स्वास्थ्य सुरक्षा सम्बंधित व्यवस्था का अभाव हैं! सरकारी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को कोविड महामारी के लिए आरक्षित कर दिया है! गंभीर बीमारियों व संक्रामक बीमारियों के प्रकोप से निपटने के लिए सरकार के पास क्या वैकल्पिक व्यवस्था हैं सरकार ने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है यही है स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की उपल्बधि जिसका जनता के उजागर किया जायेगा!

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