वन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कार्यवाई की उठायी मांग
चकिया, आदिवासी वनवासियों को जीवन जीने के लिए सुखी जलावनी लकड़ी पर भी रोक और जंगल विभाग की मिलीभगत से कीमती इमारती लकड़ी भी वे रोक टोक काटने की नीति पर चल रहा हैं चकिया रेंज वन विभाग उक्त आरोप स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने लगा उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से जहां पूरा विश्व त्राहि-त्राहि कर रहा है ,किए गए लाक डाउन से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया| ऐसे में लॉक डाउन का फायदा उठा कर पेड़ों की तस्करी करने वालों का धंधा खूब फल-फूल रहा है| काशी वन्य जीव प्रभाग के चकिया रेंज अंतर्गत सपही जंगल में इमारती लकड़ियों में शुमार सागौन के दर्जनों पेड़ काटे जाने के बाद भी वन विभाग गंभीर नहीं है, वह बंद आंखों से पेड़ों की निगरानी कर रहा है|
वन विभाग की लचर कानून व्यवस्था के चलते तस्करों के हौसले बुलंद हैं|
चकिया, आदिवासी वनवासियों को जीवन जीने के लिए सुखी जलावनी लकड़ी पर भी रोक और जंगल विभाग की मिलीभगत से कीमती इमारती लकड़ी भी वे रोक टोक काटने की नीति पर चल रहा हैं चकिया रेंज वन विभाग उक्त आरोप स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने लगा उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से जहां पूरा विश्व त्राहि-त्राहि कर रहा है ,किए गए लाक डाउन से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया| ऐसे में लॉक डाउन का फायदा उठा कर पेड़ों की तस्करी करने वालों का धंधा खूब फल-फूल रहा है| काशी वन्य जीव प्रभाग के चकिया रेंज अंतर्गत सपही जंगल में इमारती लकड़ियों में शुमार सागौन के दर्जनों पेड़ काटे जाने के बाद भी वन विभाग गंभीर नहीं है, वह बंद आंखों से पेड़ों की निगरानी कर रहा है|
वन विभाग की लचर कानून व्यवस्था के चलते तस्करों के हौसले बुलंद हैं|
जनपद के चकिया,चंद्रप्रभा और नौगढ़ रेंज में सागौन के जंगल बचे हुए हैं| पेड़ों की तस्करी और अंधाधुंध कटाई से अब यह जंगल सिकुड़ता चला जा रहा है| कर्मनाशा नदी के किनारे चकिया रेंज में बलुई और पीली मिट्टी के टीलों पर स्थित सपही जंगल के सागौन के पेड़ गोरखपुर के सागौन को टक्कर देते हैं| कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए किए गए लाक डाउन का फायदा उठाकर पेड़ों की तस्करी करने वाले लोगों का गिरोह सक्रिय हो गया है| बीते एक माह के अन्दर सपही जंगल में लाखों रुपए मूल्य के दर्जनों सागौन के पेड़ काट लिये गये और वन विभाग कुंभकरणी की नींद में सोता रह गया| स्थानीय ग्रामीणों का यह भी आरोप हैं कि पेड़ की कटान में रेंज कार्यालय के कुछ कर्मचारियों का भी हाथ हैं! और यह पेड़ कटान उच्यअधिकारियों के शह पर हो रहा हैं!
रेंजर कार्यालय में तैनात वन अधिकारी, कर्मचारी, बीट और सेक्शन अफसर कटे हुए पेड़ों की जांच और तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाए मौन साधे हुए हैं|
इस संबंध में पूछे जाने पर डीएफओ महावीर कौजलगी ने बताये थे कि सपही जंगल में सागौन के पेड़ों के कटने की सूचना मिली है जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी| लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो पायी हैं!




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